जुबिली स्पेशल डेस्क
वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर हलचल है। दक्षिण अफ्रीका और कई अफ्रीकी देशों में मिले कोरोना के नये वेरिएंट की वजह से कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका देशों की यात्रा पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। फिलहाल ओमिक्रॉन को लेकर उतना ही भ्रम है जितना शुरू में कोरोना के मामले आने के बाद था। इसको लेकर अभी बहुत कुछ साफ नहीं हो पाया है।
हालांकि WHO ने ओमिक्रॉन को ‘हाई रिस्क’ की श्रेणी में रखा है। अब तक के आंकड़ों के मुकाबले इस वायरस का प्रसार बहुत तेजी से होता है। इसके अलावा वैक्सीन की इम्युनिटी भी इसके सामने डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम प्रभावी है।
24 नवंबर को ओमिक्रॉन के पहले केस सामनेआया था अब तक 38 देशों में नया वेरियेंट फैल चुका है। पूरे वर्ल्ड में ओमिक्रॉन के अबतक करीब 400 मामले सामने आ चुके है। ओमिक्रॉन का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में मिला था। जानकारी के मुताबिक यहाँ पर अबतक 183 लोग इस वेरिएंट की चपेट में है।
ओमिक्रॉन
- दक्षिण अफ्रीका में 183 लोग
- बोत्सवाना में 19 केस
- ब्रिटेन में 32 केस
- नीदरलैंड्स में 19 केस की पुष्टि हो चुकी है
- भारत में अभी ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल चार मामले सामने आ चुके
ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए भारत अब पहले से ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है। ऐसे में लोगों को तीसरी लहर का डर सता रहा है। ओमिक्रॉन को लेकर वैज्ञानिको ने चेताया है और कहा है कि ओमिक्रॉन से भारत में तीसरी लहर आ सकती है और सभी को सावधान रहने की जररूत है।
भारत के लिए अच्छी बात यह है कि टीकाकरण की रफ्तार तेज है और यही उसके लिए राहत की बात है। इसलिए कह सकते हैं दूसरी लहर जितनी खतरनाक न हो लेकिन सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
अच्छी बात यह भी है कि ओमिक्रॉन से अभी तक कोई मरा नहीं है और गम्भीर रूप से बीमार भी नहीं पड़ा है। हालांकि यह अभी कहना जल्दीबाजी होगा कि ये ये कितना खतरनाक है। इसको लेकर अभी किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है।