स्पेशल डेस्क।
सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में महज कुछ घंटें शेष हैं। चुनाव के नतीजे आते ही एग्जिट पोल के दावों की पोल भी खुलेगी और राजनीति के पंडितों की भविष्यवाणियों का भी परिणाम सामने होगा। परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन इससे कुछ नेताओं का करियर बनेगा तो कुछ का बिगड़ेगा। इस तरह के कई नेता हैं जिनके भविष्य की राजनीति के लिए यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
बिहार में लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव तो यूपी में मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव के लिए भी यह चुनाव बड़ा मायने रखता है। साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी और सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भी यह चुनाव बहुत अहम माना जा रहा है।
प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी लेकिन वह राजनीति से दूरी बनाए हुए थीं। लोकसभा 2019 के चुनाव में उन्हें अपने भाई राहुल गांधी के कहने पर सियासत में आना पड़ा और उन्हें पार्टी ने महासचिव बनाकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में कांग्रेस को खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई।
प्रियंका गांधी ने राजनीति में एंट्री करते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया और हाशिए पर पहुंच चुकी पार्टी को लड़ाई में ला दिया। हालांकि प्रियंका गांधी पार्टी को सूबे में दो से अधिक सीटें दिलाने में कामयाब होती नहीं दिख रहीं लेकिन उन्होंने आगे के लिए पार्टी में जान जरुर फूंक दी है।
ग्रहों की ये है चाल
प्रियंका गांधी के राजनीतिक सफ़र का कैसा भविष्य होगा इस पर ज्योतिषाचार्य देवेन्द्र शास्त्री बताते हैं कि सितारों का संकेत है कि जहां-जहां प्रियंका के प्रचार-प्रसार किया है वहां-वहां निश्चित तौर पर कांग्रेस को फायदा मिलने वाला है।
प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्र महादशा और शनि अंतरदशा से गुजर रही हैं। शनि काफी मजबूत है और शुक्र चार्ट में 9 वें और 10 वें भाव में अच्छी तरह से स्थित हैं, जो उनके राजनीति में शामिल होने का एक कारण हो सकता है।
वहीं प्रियंका गांधी का जन्म मिथुन लग्न में हुआ है। उनकी जन्मकुंडली के 10 वें भाव और 7 वें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति स्वराशि होने के साथ ही केंद्र स्थिति में होना शुभ एक विशेष योग बनाता है, जो पंच महापुरुष राज योगों में से एक है।
सूर्य, जो अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है, उनके चार्ट में आत्मकारक ग्रह है और 7 वें घर में बृहस्पति और बुध को शक्ति प्रदान करता है। उनके पास बड़ी चीजों को हासिल करने का कौशल है।
इसके साथ ही बृहस्पति लग्न के स्वामी बुध और तृतीय भाव के स्वामी सूर्य के साथ भी हैं। यह ग्रह स्थिति इशारा करती है कि प्रियंका एक सहज, प्रभावशाली नेता और व्यक्तिगत तौर पर गतिशील हैं, जो अच्छी स्ट्रेटेजी बना सकती हैं। यह उनके भाषण में बौद्धिक गहराई, आकर्षण और आशावाद भी पैदा करता है।