जुबिली न्यूज डेस्क
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से अपनी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा पर हैं। वह बांग्लादेश पहुंच चुके हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनकी आगवानी की।
पिछले साल कोरोना महामारी फैलने के बाद से यह मोदी की पहली विदेश यात्रा है। मोदी के स्वागत के लिए बांग्लादेश की राजधानी ढाका को खूब सजाया गया है।
ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में ही बांग्लादेश की आजादी की 50वीं सालगिरह के मौके पर कुछ राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी शिरकत करेंगे।
ये भी पढ़े : सचिन वाझे को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
ये भी पढ़े :किसान आंदोलन के चार महीने पूरे, 12 घंटे भारत बंद की अपील
दरअसल बांग्लादेश शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी को मुजीब वर्ष के रूप में मना रहा है। शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है।
अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबारों में से एक, ‘द डेली स्टारÓ के लिए एक लेख भी लिखा, जिसमें उन्होंने ‘बंगबंधु’ के नाम से लोकप्रिय शेख मुजीबुर्रहमान को याद किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, “जब मैं बंगबंधु के जीवन और संघर्ष को देखता हूं, तो मैं ख़ुद से पूछता हूँ कि अगर आधुनिक काल के इस नायक की हत्या ना हुई होती, तो हमारा उप-महाद्वीप आखिर कैसा दिखता?”
आगे उन्होंने लिखा है कि “बंगबंधु के हत्यारे बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लाभ को उलटना चाहते थे, जिसके लिए बंगबंधु ने एक वीरतापूर्ण संघर्ष का नेतृत्व किया था। वे बंगबंधु के शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण उप-महाद्वीप के निर्माण के सपने को एक बड़ा झटका देना चाहते थे।”
ये भी पढ़े : किसान आंदोलन के चार महीने पूरे, 12 घंटे भारत बंद की अपील
ये भी पढ़े :ED के सामने महबूबा ने क्या कहा, केंद्र पर लगाया कैसा आरोप
ये भी पढ़े : होली से पहले यूपी के इस जिले में मस्जिदों को क्यों ढका जा रहा है
“बंगबंधु का जीवन ‘संघर्ष की कहानी’ कहता है। वे उत्पीडऩ और क्रूरता का सामना करते हुए, बेखौफ खड़े रहे।”
अखबार के लिए लिखे अपने लेख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लिखते हैं, “भारत और बांग्लादेश ने 2015 के भूमि सीमा समझौते के माध्यम से इतिहास की जटिलताओं को दूर करने में सफलता हासिल की है। आधुनिक राष्ट्रों के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक क्षण था. लेकिन बंगबंधु अगर लंबे समय तक शीर्ष पर रहे होते, तो हम बहुत पहले यह उपलब्धि हासिल कर पाते।”
लेख के अंत में मोदी ने लिखा, “जय बांग्ला, जय हिन्द। बंगबंधु की विचारधारा हमारी (भारत और बांग्लादेश) दोस्ती को हमेशा प्रेरित करती रहे।”