जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तमाम सख्तियों के बावजूद धड़ल्ले से पॉलिथीन का इस्तेमाल हो रहा है। इस मामले पर वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव रोकने के लिए सरकार पॉलिथीन बैग के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगी।
बता दें कि विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक संजय गर्ग ने पॉलिथीन बैग से पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव का सवाल उठाया। इस पर वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 15 जुलाई 2018 से सभी नगर पंचायतों, नगर पालिका, नगर निगम और औद्योगिक नगरी में आने वाले प्लास्टिक एवं थर्माकोल से बने गिलासों, कपों और चम्मचों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है।
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उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के निस्तारण योग्य प्लास्टिक कैरी बैगों के उपयोग, निर्माण, बिक्री, वितरण, भंडारण, परिवहन और आयात- निर्यात को प्रतिबंधित किया है।
वहीं सपा विधायक आजाद अरिमर्दन के लॉकडाउन के दौरान प्रमुख शहरों और नदियों में प्रदूषण की कमी पर सवाल पर मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में गंगा, यमुना, रामगंगा और हिंडन नदी में प्रदूषण कम हुआ था। इस दौरान प्रदेश के प्रमुख बड़े शहरों में भी प्रदूषण कम हुआ था।
वन मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आगरा, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर और ग्रेटर नोएडा में अप्रैल 2020 में प्रदूषण की जांच की गई। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2019 की तुलना में अप्रैल 2020 में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है।
मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 100 औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया है। इनमें से मथुरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी-मिर्जापुर, बुलंदशहर-खुर्जा, फिरोजाबाद, गजरौला, आगरा और गाजियाबाद गंभीर रूप से प्रदूषित हैं। वहीं नोएडा, मेरठ, अलीगढ़ और सिंगरौली गंभीर प्रदूषित क्षेत्र है।
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