जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बजट को मंजूरी दी गयी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन थोड़ी देर बाद 11 बजे लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट होगा.
अंतरिम बजट में यूपी को क्या मिला था?
लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुए बजट में यूपी को केंद्र से करीब 90 हजार करोड़ रुपये मिलने की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा विशेष सहायता के तौर यूपी को 17939 करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया था.
अजय राय ने लगाया बड़ा आरोप
केंद्रीय बजट पर अजय राय ने कहा कि यह बजट जनता को भ्रमित करने वाला बजट है. रोजगार और महंगाई की बात इस बजट में नहीं है. हाईवे तो हमेशा बनता है टूट रहा है. ये बिहार को दे ,या यूपी को दे मुझे नहीं लगता है यूपी के लिये कुछ हुआ है यह बजट यूपी में कुछ नहीं है. केशवमौर्य सता के लिये लालयित है. ओमप्रकाश राजभर भी केशव मौर्य का पुराना दर्द निकल रहा है. यूपी में कुर्सी अब कैंसर बन गया है. केशवमौर्य को सिराथू भी हरा दिया गया बीजेपी सतालोलूपता के लिये काम कर रही है.
केशव प्रसाद मौर्य ने क्या कहा?
केंद्रीय बजट पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- मोदी सरकार का बजट विकसित भारत की मज़बूत इमारत, विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने,देश का सर्वांगीण विकास,युवाओं महिलाओं ग़रीबों के उत्थान के लिए समर्पित शानदार बजट है,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट का स्वागत करता हूँ.
डिंपल यादव ने क्या कहा?
केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होना चाहिए था, (बजट में)कुछ भी नहीं है…किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है…
बजट के बाद क्या बोले अखिलेश?
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा, “जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा…”
Budget पर मायावती ने उठाए सवाल
संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा.देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.
रणदीप सुरजेवाला
रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मोदी 3.0 के बजट में निराशा व हताशा. शून्य+शून्य = शून्य. किसान के लिए कुछ नहीं. न MSP की गारंटी, न कर्ज से राहत, न डीजल-कीटनाशक दवाई-खाद की कीमत कम, बस बातें ही बातें. युवा के लिए झुनझुना – नए रोजगार का कोई रास्ता नहीं, सालाना सिर्फ 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, असंगठित क्षेत्र को चवन्नी तक नहीं. लेबर इंटेंसिव यानी रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों कपड़ा-कंस्ट्रक्शन आदि के लिए कुछ नहीं है.”
जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था. उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी थी, जबकि सरकार की योजना में मनमाने ढंग से लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रख दिया गया है.”