जुबिली न्यूज डेस्क
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है वैसे-वैसे किसान आंदोलन पर चर्चा कम हो गई है। केंद्र सरकार तो इस पर बात करना भी जरूरी नहीं समझ रही है। लेकिन किसान नेता आंदोलन को धार देने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इस स्थिति को लेकर कुछ दिनों पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि वे अपनी बात मनवाकर रहेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो किसान अपनी फसलों को भी जला देंगे।
इस पर हाल ही में जब एक टीवी डिबेट पर टिकैत से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने सफाई में कहा कि उन्होंने तो किसान को फसल बर्बाद करने से रोका है। टिकैत ने कहा कि उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि वे अपनी फसल लेकर दिल्ली कूच करें।
भाकियू नेता टिकैत ने कहा कि सरकार को लगता है कि किसान की जब फसल आएगी, तो वह यहां से छोड़कर खेत लौट जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। किसानों ने कहा है कि आंदोलन के बीच फसल आएगी, तो वह फसल ही बर्बाद कर देगा।
किसान नेता ने कहा कि हमने किसानों को ऐसा करने से रोका है। किसान फसलों को बर्बाद नहीं करेंगे। ये आंदोलन की फसल है। इसे अपने ट्रैक्टर पर लेकर दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं। इसीलिए फसल एमएसपी पर बिकेगी तो ठीक नहीं तो फसल लेकर किसान दिल्ली कूच करेंगे।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या आप किसानों को भड़का रहे हैं, तो टिकैत ने कहा, “हम भड़का नहीं रहे हैं। हम तो यही कह रहे हैं कि जहां एमएसपी पर खरीद होगी किसान वहीं तो जायेंगे।”
टिकैत ने आगे कहा, ” किसान जब फसल लेकर निकलेंगे तो अगर कोई विभाग इसे बीच में रोकता है तो फसल उसे बेंच दें किसान। नहीं कोई रोकता है तो नई मंडी खुलेगी- पार्लियामेंट। वहां पर बिल्कुल पक्के तौर पर एमएसपी पर खरीद होगी।”
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उन्होंने कहा कि, सरकार किसी गलतफहमी में न रहे कि किसान लौट जायेंगे। किसान अपने खेतों में भी काम करेगा और आंदोलन को भी देखेगा। सब काम करेगा किसान, क्योंकि 2021 आंदोलन का साल है। किसान, आंदोलन और खेत को नहीं छोड़ेगा और सरकार को भी नहीं छोड़ेगा। हमारा और सरकार का टकराव हो गया है।”
किसान नेता ने कहा कि सरकार अभी ताला लगाकर दिल्ली छोड़ गई है। पर कभी न तो कभी लौटकर आएगी। जब तक दिल्ली नहीं आएगी, बातचीत नहीं करेगी, तब तक हम दिल्ली नहीं छोड़ेंगे।