जुबिली न्यूज डेस्क
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने रविवार को राम मंदिर आंदोलन को लेकर एक ऐसा बयान दिया जिस पर बवाल मच गया है।
सुरेंद्र जैन ने यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि राम मंदिर आंदोलन “स्वतंत्रता संग्राम से बड़ा” था।
वहीं विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक बयान में जैन के हवाले से कहा गया है, “1947 में, भारत को अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता मिली, लेकिन राम मंदिर के आंदोलन से हमें अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी मिली। यह स्वतंत्रता संग्राम से भी बड़ा आंदोलन था।”
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जैन ने दावा किया कि राम मंदिर ने “राम राज्य के युग की यात्रा शुरू कर दी थी”, और मंदिर के निर्माण के बाद भारत की किस्मत बेहतर होगी।
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान सदी राम की है…दान अभियान पूरे देश को एक करने का सेतु बन गया है।’
जैन ने कहा, “इसने साबित कर दिया कि राम ही राष्ट्र को एकजुट कर सकते हैं। धर्मनिरपेक्ष राजनीति ने केवल देश को विभाजित किया है।
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रविवार को ‘सब के राम’ नामक एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर बोलते हुए, आरएसएस के संयुक्त महासचिव ने कहा, राम मंदिर आंदोलन ने हिंदू समाज को “जागृत” किया और “हिंदुओं के लिए आत्म-साक्षात्कार का क्षण बन गया।”
इस कार्यक्रम का आयोजन विहिप ने किया था। वहीं विहिप के एक बयान में कुमार के हवाले से कहा गया है, “जो लोग कह रहे थे कि हिंदुत्व की भावना खत्म हो रही है, उनकी शंकाओं का जवाब राम मंदिर के लिए मिले चंदे के ज्वार से मिल गया है। राम मंदिर आंदोलन हिंदू समाज का आत्म-साक्षात्कार है। इसने हिंदू समाज को जगाया…आंदोलन प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं था, बल्कि हिंदुओं की प्रतिबद्धता का था।”
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उन्होंने कहा, “हमारा सपना एक सामंजस्यपूर्ण समाज का है। हमारी सहनशीलता हमारी कायरता के कारण नहीं, बल्कि हमारे साहस और उद्यम के कारण है।”
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा राम मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिसंबर, 2023 तक इसके जनता के लिए खुलने की उम्मीद है।