न्यूज डेस्क
पिछले दिनों तबलीगी जमात के लोगों पर अभद्रता का आरोप लगाकर चर्चा में आईं कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी अब एक फिर अपने एक वायरल वीडियो की वजह से चर्चा में हैं। इस वीडियो में भी वह जमातियों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कर रही हैं।
डेढ़-दो माह पुराने इस वीडियो में कुछ मीडिया वालों से अनौपचारिक बातचीत में डॉक्टर लालचंदानी कहती दिख रही हैं, “कहना नहीं चाहिए पर ये टेररिस्ट हैं और इनको हम वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे हैं। अपने रीसोर्सेज को हम बेकार कर रहे हैं। अपने डॉक्टरों को हम बीमार कर रहे हैं इनके लिए. 100 पीपीई किट इन पर खराब कर रहे हैं। हम एक किट पर सरकार दो हजारर-ढाई हजार रुपये खर्च कर रही है। ये सब खर्र्च हम इन पर कर रहे हैं।”
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अब इस वीडियो को लेकर लालचंदानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है और कुछ मुस्लिम संगठनों ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया है।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो कुछ लोगों ने चुपके से शूट कर लिया और रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही कई लोगों ने डॉक्टर आरती लालचंदानी की बातों पर आपत्ति जताते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है। कानपुर से पूर्व सांसद और सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने भी इस वीडियो पर आपत्ति जताया है।
वीडियो पर मचे हंगामें के बाद डॉक्टर आरती लालचंदानी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि “ये मीडिया को दिया गया मेरा बयान नहीं था। ये एक इंटरव्यू भी नहीं है। खराब नीयत से मेरा स्टिंग किया गया था और जो बातें मेरे नाम से कही जा रही हैं, वो मेरी भावनाएं नहीं हैं। ये किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। ये वीडियो उगाही और ब्लैकमेल करने के इरादे से बनाया गया और सर्कुलेट किया गया।”
उन्होंने यह भी कहा कि ये घटना 75 दिन पहले की है और इसे बदनीयती से मेरे विरोधियों ने अब जाकर रिलीज किया है। मेरे संपर्क में कई मुस्लिम भाई-बहन और बच्चे हैं जिन्हें मैंने अपनों की तरह प्यार किया है और उनकी सेवा की है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि तबलीगी जमात के जिन मरीजों ने हमारे हेल्थ वर्कर्स पर हमला किया था, हमने उनसे भी अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने कुछ ही दिनों के भीतर माफी मांग ली थी। हमने भोजन-पानी और दवाओं से उनकी हर तरह से तीमारदारी की। इसके लिए उन्होंने हमारा शुक्रिया भी अदा किया।
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फिलहाल उनके इस वीडियो पर हंगामा मचा हुआ है। चारो ओर से कार्रवाई की मांग की जा रही है। कानपुर शहर के काजी मौलाना ओसामा कासिमी ने भी डॉक्टर मूलचंदानी को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है, जबकि कानपुर के वकील रईस खान ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
हालांकि अभी किसी भी तरफ से कोई एएफआईआर दर्ज नहीं हुई है। वहीं इस मामले में आगे की किसी भी कार्रवाई के बारे में न ही जिला प्रशासन और न ही शासन स्तर पर कोई अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार है।
इससे पहले, डॉक्टर आरती मूलचंदानी ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती जमातियों के कथित अभद्र व्यवहार की शिकायतें मीडिया में की थीं। उस वक्त उन्होंने इस कथित अभद्रता के कुछ वीडियो भी दिखाए थे। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो भी लगभग उसी समय का है जो अब लोगों के सामने आया है।
लालचंदानी के वायरल वीडियो में क्या था?
करीब पांच मिनट के इस वीडियो में डॉक्टर आरती लालचंदानी कहती हैं, “इन्हें तो आइसोलेशन में बंद कर देना चाहिए, काल कोठरी जैसे आइसोलेशन में। ये बीस-तीस करोड़ लोगों की वजह से सौ करोड़ लोगों की जान दांव पर लगाई जा रही है। मैं इस बारे में मंत्री से भी बात करूंगी।”
बताया जा रहा है कि यह वीडियो डॉक्टर आरती लालचंदानी के आवास का है जहां वो कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रही हैं। उनके पास कुछ मीडिया चैनलों के माइक भी रखे हैं और बीच-बीच में वो ये भी पूछ रही हैं कि ‘आप लोग रिकॉर्ड तो नहीं कर रहे हैं?’
डॉक्टर आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहती हैं, “मुख्यमंत्री अपीजमेंट (तुष्टीकरण) कर रहे हैं। जिन्हें जेल में डालना चाहिए, उन्हें वीआईपी सुविधा दी जा रही है। आप लोग मीडिया से हैं। आप मुख्यमंत्री से कह सकते हैं कि क्यों इतना अपीजमेंट कर रहे हैं।”
वीडियो में न सिर्फ लालचंदानी इस तरह की बातें कर रही हैं बल्कि वीडियो बनाने वाला व्यक्ति भी उनकी हां में हां मिलाता हुआ दिख रहा है और बार-बार ‘जमाती’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा है।