जुबिली न्यूज डेस्क
दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना का टीका लगना शुरु हो चुका है। अमीर मुल्कों में वैक्सीनेशन का काम गरीब मुल्कों की अपेक्षा तेजी से हो रहा है। जानकारों के मुताबिक टीका ही कोरोना से इस दुनिया को बचा सकता है।
इस बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते जो अप्रमाणिक वैक्सीन लगवाने के कारण आलोचना झेल रहे, ने चीन से कहा है कि वह दान की गई अपनी 1,000 सिनोफार्म वैक्सीन वापस ले जाए।
राष्ट्रपति दुतेर्ते ने कहा है कि ‘भविष्य में चीन केवल अपनी सिनोवैक वैक्सीन ही भेजे।’ इस वैक्सीन को अभी फिलीपींस में इस्तेमाल किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा है कि ‘मैंने कंपेशनेट यूज क्लॉज (जिसमें कुछ लोग अत्यंत जरूरी होने पर अप्रमाणित दवाएं लेते हैं) के तहत सिनोफार्म की खुराक़ ली थी क्योंकि उनके डॉक्टर ने उन्हें वैक्सीन लेने की सलाह दी थी।”
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुतेर्ते ने लोगों से अपील की कि ‘जो मैंने किया वो ना करें, ये खतरनाक है क्योंकि इसे लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है। संभव है कि ये शरीर के लिए ठीक ना हो, मुझे ही ये वैक्सीन लेने वाला इकलौता शख्स रहने दें, आप ना लें।’
ऐसी उम्मीद है कि चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोफार्म और सिनोवैक को इस सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन से सहमति मिल सकती है।
यह भी पढ़ें : ‘भारत को नए प्रधानमंत्री की जरूरत है’
यह भी पढ़ें : देश में कोरोना का तांडव जारी, 24 घंटे में 4.12 लाख नए मामले, 4 हजार मौतें
यह भी पढ़ें : आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह का कोरोना संक्रमण से निधन
जैसा कि सिनोफार्म को अब तक अप्रूव नहीं किया गया है ऐसे में संभवानाएं हैं कि इसके नकारात्मक असर हो सकते हैं। दुतेर्ते ने कहा कि इसे वापस भेज देते हैं ताकि आगे और परेशानी ना हो।
सिनोफार्म और सिनोवैक वैक्सीन वायरस के पार्टिकल को मारने के तरीके पर काम करती हैं, वहीं मॉडर्ना और फाइजर द्वक्रहृ्र वैक्सीन है, जो शरीर में वायरल प्रोटीन बनाने की प्रक्रिया पर काम करती हैं।
फिलहाल इस वक्त फिलीपींस में एस्ट्राजेनेका और सिनोवैक को अप्रूवल मिल चुका है। हालांकि ये साफ नहीं है कि दुतेर्ते ने इन दो अप्रूव वैक्सीन में से एक वैक्सीन क्यों नहीं लगवाई।
मालूम हो फिलीपींस पूर्वी एशिया में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। देश में 10 लाख कोरोना संक्रमण के मामले हैं और अब तक18,000 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है।
यह भी पढ़ें : ‘मीडिया की शिकायतें बंद करें संवैधानिक संस्थाएं’
यह भी पढ़ें : इमरान खान ने भारतीय राजनयिकों की तारीफ में क्या कहा?