जुबिली न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। कहा जा रहा है कि बजट में इन्फ्ऱास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया है लेकिन बेरोजगारी और महंगाई को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है।
वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 तक राजस्व घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक पहुंचने की बात कही गई है तो इस साल 2022/23 में राजस्व घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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2021/22 में संशोधित राजस्व घाटा GDP का 6.9 प्रतिशत बताया गया है। फिलहाल सरकार 2022/23 में कुल 39.45 ट्रिलियन रुपए खर्च करेगी।
मोदी सरकार के इस बजट पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सांसद नेता शशि थरूर ने आम बजट की आलोचना की है।
थरूर ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बजट बहुत ही निराशाजनक है और इसमें कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा, ”मैंने जो भाषण में सुना उसमें न तो मनरेगा की बात है और न ही रक्षा क्षेत्र की। लोग जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी बात भी नहीं है। महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। अभी 25 साल और इंतजार करना होगा। अच्छे दिन आने के लिए. गति शक्ति और डिजिटल करेंसी की बात नारे के अलावा कुछ भी नहीं है।”
मोदी सरकार के इस बजट पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी निराशा जताई है।
बनर्जी ने कहा-बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
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उन्होंने अपने एक ट्वीट में बजट को ”पेगासस स्पिन बजट” करार दिया है। ट्विटर पर ममता बनर्जी ने लिखा है, ”बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है, सरकार बड़ी-बड़ी बातों में खो गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है, ये एक पेगासस स्पिन बजट है।”
BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING – A PEGASUS SPIN BUDGET
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर बजट की आलोचना की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ”यह बजट किसके लिए है? भारत के 10 फीसदी अमीरों के पास देश की कुल 75 फीसदी संपत्ति है। नीचे के 60 फीसदी लोगों के पास महज पांच फीसदी है। महामारी में जब भुखमरी, बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है लेकिन जिन लोगों ने इस दौरान जमकर धन बनाया, उनसे ज़्यादा टैक्स क्यों नहीं लिया जा रहा है?”
Budget for whom?
The richest 10% Indians owns 75% of the country’s wealth.
Bottom 60% own less than 5%.
Why are those who amassed super profits during the pandemic, while joblessness, poverty & hunger have grown, not being taxed more?#Budget2022— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 1, 2022
मोदी सरकार के इस बजट पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा है कि गरीब, नौकरीपेशा, मध्यम वर्ग, किसान, युवाओं और छोटे उद्योगों के लिए कुछ नहीं है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है, ”एक तरफ बजट में पर्यावरण की सुरक्षा की बात कही गई है तो दूसरी तरफ नदियों को जोडऩे की बात कही गई है। भाषा से खेलना अच्छा लगता है लेकिन जमीन पर काम ज़्यादा अहम होता है। मोदी सरकार विनाशकारी पथ पर है।”
On the one hand, the Budget talks of climate action and protecting the environment. On the other, it pushes ecologically disastrous river-linking projects. Rhetoric sounds nice. But actions matter more. On that front, the Modi govt is on a destructive path.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 1, 2022
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी बजट की जमकर आलोचना की है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा है, ”संसद में आज पेश केंद्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है जबकि गत वर्षों के वादों और पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है। यह कितना उचित? केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिंताओं से मुक्त क्यों है?”
मायावती ने कहा, ”केन्द्र सरकार अपनी पीठ ख़ुद थपथपा लेने के अलावा कुछ कर नहीं पा रही है। टैक्स की मार लोगों का जीना दुभर किए हुए है।”
M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
Nothing for
– Salaried class
– Middle class
– The poor & deprived
– Youth
– Farmers
– MSMEs— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि इस बजट में वेतनभोगी, मध्यमवर्ग, गरीब-वंचित, युवा, किसान और छोटे उद्योगों के लिए कुछ नहीं है।