जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले दिनों बीजापुर में हुए हमले और एक जवान की रिहाई के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने सरकार से बातचीत की पेशकश की है।
माओवादियों ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है, “बीजापुर हमले में सुरक्षाबलों के 24 जवानों की जान गई। 31 जवान घायल हुए। 1 जवान हमारी हिरासत में है। इस मुठभेड़ में पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी के 4 जवानों की भी जान गई। इस घटना पर हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। वो मध्यस्थों की घोषणा कर सकते हैं। बातचीत के बाद हम उस जवान को रिहा कर देंगे।”
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अपने प्रेस नोट में माओवादियों ने लिखा है कि आम पुलिसवाले हमारे दुश्मन नहीं हैं और घटना में मारे गये पुलिसवालों के परिजनों को हम खेद प्रकट करते हैं।
In Bijapur attack,24 security personnel lost lives,31 injured & 1 in our custody. 4 People’s Liberation Guerrilla Army personnel lost lives. Ready to negotiate with govt,they can announce mediators. Will release him. Police Jawans not our enemies:Communist Party of India (Maoist) pic.twitter.com/oMRFZaiBeb
— ANI (@ANI) April 7, 2021
माओवादियों ने यह भी लिखा है कि पुलिस बल के 2000 से ज़्यादा जवान सुकमा और बीजापुर जिलों के गांवों पर हमला करने आये थे, जिसकी योजना अमित शाह के नेतृत्व में बनायी गई थी।
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माओवादियों के मुताबिक, नवंबर 2020 में शुरू हुए इस सैन्य अभियान में 150 से अधिक ग्रामीणों की हत्या की गई जिसमें कुछ हमारे पार्टी कार्यकर्ता और नेता भी थे।
प्रेस नोट के अंत में माओवादियों ने लिखा है कि मोदी-शाह भले ही कितने भारी हत्याकाण्ड की योजना बना लें, हम उन सभी योजनाओं का जनयुद्ध के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब देंगे।
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