जुबिली न्यूज डेस्क
दुनिया में कोरोना वायरस की कई वैक्सीन आ चुकी है, बावजूद इसके कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई मुल्कों में कोरोना का टीकाकरण चल रहा है फिर भी वहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैें।
इसके अलावा एक बड़ा संकट यह है कि गरीब मुल्कों की पहुंच से कोरोना वैक्सीन दूर है जिसकी वजह से यह डर बना हुआ है कि ऐसे हालात में कोरोना का संक्रमण खत्म करना आसान नहीं होगा।
इस बीच चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक आग्रह किया है जो चर्चा में है। चीन ने कहा है कि दुनिया के देश ‘वैक्सीन संबंधी राष्ट्रवादÓ से बचे और विकासशील देशों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए मिलकर एक नीति बनाये, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके।
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पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर यी गैंग ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की संचालन समिति को दिये एक बयान में ये बात कही है।
यी गैंग ने कहा, “वैश्विक आर्थिक वृद्धि में सुधार बहुत धीमा और असमान रहा है। इसलिए कोरोना वैक्सीन का उचित और निष्पक्ष रूप से वितरण जरूरी है, ताकि सभी जगह स्थायी आर्थिक वृद्धि हो सके।”
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देशों को ‘वैक्सीन संबंधी राष्ट्रवाद’ से बचने की जरूरत है। देश आपसी समन्वय को मजबूत करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ एक ऐसी नीति बनाये ताकि विकासशील देशों में भी सही ढंग से टीके पहुंच पायें।”
इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस हफ्ते की शुरुआत में जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल से फोन पर हुई बातचीत में यही बात कही थी।
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चीन के बारे में बात करते हुए गवर्नर गैंग ने कहा, “एक बढिय़ा मौद्रिक नीति को लचीले, लक्षित और उचित तरीके से लागू किया जाएगा।”
मालूम हो कि कोरोना वायरस के लिए चीन को ही जिम्मेदार माना जाता है। कहा जाता है कि चीन की ही किसी प्रयोगशाला में इस वायरस को तैयार किया गया।
हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने अभी तक ऐसा कोई सुबूत नहीं जुटा सका है जिनके आधार पर इस आरोप को सही ठहराया जा सके। चीन भी इन आरोपों को बिल्कुल गलत बताता रहा है।
चीन के इस दरियादिली पर सवाल उठ रहा है। कुछ जानकारों का मानना है कि चीन इस वैक्सीन संबंधी ‘कूटनीतिक अभियान’ के जरिए अपनी वैक्सीन को अन्य देशों में ‘धकेलना’ चाहता है, लेकिन चीन इस धारणा को भी गलत कहता है।
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गवर्नर यी गैंग के मुताबिक चीन ने कम से कम 80 देशों की वैक्सीन हासिल करने में सहायता करने या वैक्सीन मुहैया कराने की योजना बनाई है। साथ ही, 40 देशों में चीन ने टीके निर्यात भी किये हैं।