जुबिली न्यूज डेस्क
26 अप्रैल को आगरा के पारस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की वजह से हुई 22 कोरोना मरीजों की मौत पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया आई है।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया कराने को लेकर शिकायतें मिली हैं और इस मामले में जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कुछ कहा जाएगा।
हाल ही में आगरा स्थित एक हॉस्पिटल के संचालक का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो ये कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि ‘अस्पताल में मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए पांच मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई थी।’
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वीडियो में अस्पताल के संचालक पांच मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की इस कार्रवाई को ‘मॉक ड्रिल’ बता रहे हैं।
Have received complaint that there were issues with providing oxygen at Paras Hospital. Inquiry is underway, will let you know once investigation is completed: UP Health Minister Jai Pratap Singh on COVID patients’ death in Agra due to alleged oxygen shortage pic.twitter.com/9jdE1B2Cuf
— ANI UP (@ANINewsUP) June 8, 2021
इस मामले में आगरा के जिलाधिकारी पीएन सिंह का कहना है कि 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में कोरोना के 97 मरीज भर्ती थे जिनमें से चार की मौत हो गई थी।
जिलाधिकारी के अनुसार, वायरल वीडियो की सत्यता प्रमाणिक नहीं है, फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी।
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क्या है मामला?
आगरा के पारस हॉस्पिटल में 26-27 अप्रैल की रात में ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की खबर आई थी। मृत मरीजों के परिजनों ने उस समय भी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था लेकिन अस्पताल, पुलिस और प्रशासन ने इसे खारिज किया था।
करीब डेढ़ महीने बाद अस्पताल का यह वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मचा हुआ है। वीडियो में हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर अरिंजय जैन इस पूरी घटना को ख़ुद ही बता रहे हैं।
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वीडियो में संचालक कहते हुए दिखते हैं, ‘ऑक्सीजन की भारी कमी थी। हमने लोगों से कहा कि वो अपने मरीजों को ले जाएं लेकिन कोई इसके लिए राजी नहीं हुआ। इसलिए मैंने एक प्रयोग किया, एक मॉक ड्रिल की तरह का। 26 अप्रैल की सुबह 7 बजे हमने ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी। 22 मरीज हांफने लगे और उनका शरीर नीला पडऩे लगा। तो हम जान गए कि ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने पर यह नहीं बच पाएंगे। इसके बाद हमने आईसीयू में बचे बाकी 74 मरीजों के परिजनों को अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए कहा।’
वीडियो में उनके सामने एक व्यक्ति इस बात की तस्दीक भी करता है कि ’22 लोग मर गए।’ यह पूरी बातचीत 26-27 अप्रैल को सामने आए ऑक्सीजन संकट के संदर्भ में है।
आगरा के पारस अस्पताल में ‘मॉक ड्रिल’ 26 अप्रैल की सुबह सात बजे की गई थी। उस समय अस्पताल में 96 कोरोना मरीज भर्ती थे और ‘मॉक ड्रिल’ के बाद केवल 74 मरीज जिंदा बचे।
अस्पताल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के चार वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें वो ऑक्सीजन के बड़े संकट वाले दिन की कहानी बता रहे हैं।
लेकिन स्थानीय मीडिया से बातचीत में अस्पताल के संचालक ने वीडियो को तोड़-मरोड़कर वायरल करने का आरोप लगा रहे हैं।