जुबिली न्यूज डेस्क
गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूॅट का नाम बदल दिया है। इसको लेकर सियासत न हो इसके पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सफाई भी दे दी है।
मंगलवार को रूपाणी ने कहा कि सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ रखने का फैसला किया है। फल का बाहरी आकार कमल जैसा होता है, इसलिए ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर कमलम रखा जाएगा।’
उन्होंने कहा ‘चीन के साथ जुड़े ड्रैगन फ्रूट का नाम हमने बदल दिया है।’ संस्कृत में कमलम का अर्थ है कमल। हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय ड्रैगन फ्रूट एक अनोखे रूप और स्वाद के साथ एक उष्णकटिबंधीय फल है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री रूपाणी बागवानी विकास मिशन के शुभारंभ के दौरान मीडिया के साथ बातचीत करते हुए रूपाणी ने कहा, ‘हमने ड्रैगन फ्रूट के पेटेंट को कमलम कहे जाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक हम गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि हम फल को कमलम कहेंगे।’
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भले ही यह फल ड्रैगन फ्रूट के रूप में जाना जाता है, यह उचित नहीं लगता। कमलम शब्द एक संस्कृत शब्द है और फल में कमल का आकार होता है, इसलिए हमने इसे कमलम कहने का फैसला किया है और इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।
सीएम के अनुसार, देश में कैक्टस के रूप में फल लंबे समय से हैं। रूपाणी ने कहा, ‘कमलम शब्द से किसी को भी चिंतित नहीं होना चाहिए।’
मालूम हो कि कमल भाजपा का प्रतीक है और गांधीनगर में राज्य भाजपा मुख्यालय का नाम भी ‘श्री कमलम’ है।
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