न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने नई आयकर व्यवस्था की घोषणा करते हुए कहा कि नई व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियों को समाप्त किया गया है। हालांकि, सरकार ने शनिवार शाम को ही स्पष्टीकरण जारी करते हुए उन कुछ छूटों और कटौतियों की सूची जारी की है, जो नई कर व्यवस्था में भी लागू रहेंगे।
फिलहाल सरकार ने 2020 के वित्त बजट में नए निजी आयकर स्लैब और दरों को सही ठहराया है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने दो फरवरी को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यह ‘अनुचित प्रत्यक्ष कर व्यवस्था’ को दूर करने वाला कदम है। अजय भूषण ने अपने विभाग के एक विश्लेषण का हवाला देते हुए बताया कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों में लगभग 92 प्रतिशत ने दो लाख रुपए से भी कम की छूट का फायदा उठाया है।
आंकड़ों का हवाला देते हुए राजस्व सचिव ने कहा 5.78 करोड़ करदाताओं में से करीब 5.3 करोड़ (91.7 फीसदी) ने दो लाख रुपए से कम की छूट का दावा किया। इसमें सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी और सेक्शन सीसीडी (1बी) (एनपीएस के अतिरिक्त छूट) के तहत किए गए दावे भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग के विश्लेषण के मुताबिक सिर्फ 7.77 लाख करदाता यानी कुल करदाताओं के एक फीसदी से भी कम चार लाख रुपए से अधिक की छूट का दावा किया। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने दावा किया कि नई प्रणाली न्यायसंगत हैं।
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इससे पहले 2 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नई वैकल्पिक आयकर व्यवस्था के जटिल होने के जानकारों के दावों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इससे ‘कुछ आयवर्ग’ के करदाताओं को निश्चित तौर पर लाभ होगा। आयकर व्यवस्था में अचानक बदलाव से करदाताओं पर दबाव नहीं पड़े इसलिए नई व्यवस्था को वैकल्पिक रखा गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ स्पष्टीकरण जारी किए गए है। यदि लोगों को पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में नई व्यवस्था में अधिक कर का भुगतान करना पड़ेगा, तो मैं ऐसी कोई व्यवस्था लाती ही क्यों?’ उन्होंने नई कर व्यवस्था का बचाव करते हुए कहा कि हो सकता है इससे सभी करदाताओं को लाभ नहीं हो, लेकिन निश्चित तौर पर ‘कुछ आयवर्ग’ में आने वाले करदाताओं को लाभ होगा। सरकार ने व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
हालांकि, विशषज्ञों का मानना है कि कॉरपोरेट आयकर की तरह व्यक्तिगत आयकर के मामले में भी वैकल्पिक व्यवस्था से प्रणाली में सिर्फ जटिलता ही आएगी।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर की सात स्लैब वाली नई व्यवस्था की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि नई व्यवस्था से करदाताओं पर बोझ कम होगा। पुरानी व्यवस्था में जहां पांच लाख तक, पांच से दस लाख तक और दस लाख रुपए से अधिक की आय पर क्रमश: पांच, 20 और 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने का प्रावधान है। वहीं नए ढांचे में 15 लाख रुपए तक आय के विभिन्न स्तरों पर 5, 10, 15, 20, 25 फीसदी और 30 फीसदी की दर से कर का प्रस्ताव किया गया है।
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