न्यूज डेस्क
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की जीडीपी को लेकर जो भी भविष्यवाणी की है वह अब तक सही साबित हुई है। एक बार फिर उन्होंने देश की जीडीपी को लेकर भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना के चलते देश की जीडीपी में आधे से एक फीसदी की गिरावट आ सकती है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह भविष्यवाणी द हिंदू अखबार में लिखे अपने आर्टिकल में की है। उन्होंने लिखा है कि कोरोना वायरस के चलते जीडीपी में आधे से एक पर्सेंट तक की कमी आ सकती है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि यदि अन्य संकेतक सही रहते हैं, तभी यह स्थिति होगी वरना और गिरावट बढ़ सकती है।
मालूम हो कि मनमोहन सिंह ने यूपीए के दौर में 2004 से 2014 तक देश के पीएम रहे हैं। इसके अलावा वह एक दौर में वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक के गर्वनर जैसी जिम्मेदारियां संभाल चुके मनमोहन सिंह ने जीएसटी और नोटबंदी के चलते भी अर्थव्यवस्था के फिसलने की भविष्यवाणी की थी।
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पूर्व पीएम ने कहा था कि मोदी सरकार के इन दोनों फैसलों को गलत ढंग से लागू करने के चलते जीडीपी में दो फीसदी की गिरावट आ सकती है। आंकड़े बताते हैं कि मनमोहन सिंह की भविष्यवाणी कमोबेश सही साबित हुई थी।
गौरतलब है कि देश में 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू हुआ था। उस साल वल्र्ड बैंक के डेटा के मुताबिक देश की जीडीपी दर 7.1 फीसदी थी और 2019-20 में 5 फीसदी के करीब ही रहने का अनुमान है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी हुई थी और उस साल देश की जीडीपी ग्रोथ 8.17 पर्सेंट थीं, जो 2017 में तेजी से घटते हुए 7.1 पर्सेंट पर ही आ ठहरी। यही नहीं गिरावट का यह दौर 2018 में भी जारी रहा और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.8 फीसदी पर अटक गई।
यही नहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 4.7 फीसदी ही रही है, जो 2008 की मंदी के बाद से सबसे निचला स्तर है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने लेख में मोदी सरकार को आर्थिक चुनौतियों से उबरने की सलाह भी दी है। उन्होंने लिखा कि यदि सरकार स्थिति को संभालना चाहती है तो फिर उसे तीन मुद्दों पर काम करना चाहिए- कोरोना से तेजी से निपटना, नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेना और मांग एवं खपत में इजाफे के लिए अर्थव्यवस्था में निवेश करना।
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