न्यूज डेस्क
भारत-पाकिस्तान के रिश्ते जगजाहिर है। दोनों देशों के बीच की तल्खी किसी से छिपी नहीं है। इसलिए जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना निशाना साधा तो सबको समझ में आ गया कि वह किसकी बात कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है। यह टिप्पणी उन्होंने भारत आर्थिक मंच के सत्र के दौरान पाकिस्तान और पड़ोसी देशों को लेकर की।
विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अमेरिका के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने का मुद्दा सामने नहीं आया।
जब उनसे पूछा गया कि उस एक के साथ क्या गतिरोध बना रहेगा तो विदेश मंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि एक दिन वह क्षेत्रीय सहयोग में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि, ‘आप एक पल के लिए कश्मीर को अलग रख दें। आज हर किसी के साथ व्यापार, व्यवसाय और संपर्क बढ़ रहे हैं। निश्चित रूप से, किसी न किसी स्तर पर, इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आप हर किसी को उस सहयोग से समृद्ध होते देखेंगे।’
विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे के साथ बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘स्थिति बदलने पर कई लोगों के लिए यह स्वाभाविक बात है। शायद ही किसी को यह एहसास था कि यह (अनुच्छेद 370) संविधान में एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसके कारण जम्मू-कश्मीर राज्य में कई राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते थे। ये सब उनके लिए नई बातें थीं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा आशान्वित रहता हूं। मैं जानता हूं कि हमारे समक्ष बड़ी चुनौतियां है। उनके (पाकिस्तान) साथ समझ की समस्या है जिससे उन्हें बाहर निकलना होगा।’
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत के मामले में राष्ट्रवाद एक नकारात्मक भावना नहीं है। भारत एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं, किंतु साथ ही हम राष्ट्रीयवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच इस दृष्टि से कोई तनाव नहीं देखते है कि विश्व के साथ अधिक संपर्क बढ़ाया जाए। लिहाजा राष्ट्रीयता हमारे लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं है।
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