जुबिली न्यूज डेस्क
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से जनता हलकान है। तेल की कीमतों को लेकर सरकार भी विपक्ष के निशाने पर है।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह ‘सरकार के लिए धर्म-संकट’ से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि ‘वे उपभोक्ताओं की जरूरतों को समझती हैं, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ी हुई कीमतों के बारे में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों को मिलकर बात करनी चाहिए क्योंकि इनकी बिक्री से होने वाले मुनाफे को दोनों के बीच बांटा जाता है।’
इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प्स के एक कार्यक्रम में शुक्रवार को वित्त मंत्री ने कहा, “जब केंद्र सरकार तेल पर टैक्स यानी एक्साइज ड्यूटी के जरिए राजस्व वसूलती है, तो उसका 41 प्रतिशत राज्यों को जाता है। ऐसे में ये कहना कि तेल की बढ़ती कीमत के लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है, सही नहीं है।”
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसलिए मेरा सुझाव है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को इस बारे में बैठकर बात करनी चाहिए।
जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि क्या उन्होंने किसी राज्य की सरकार से इस बारे में बात की है? तो उन्होंने कहा कि “अब तक इस बारे में किसी राज्य से उनकी चर्चा नहीं हुई है।”
मालूम हो पेट्रोल और डीजल की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स का ही होता है।
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कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए में बिक रहा है। वहीं दिल्ली में 90 रुपये लीटर से ऊपर जो पेट्रोल बिक रहा है, उसमें करीब 50 रुपये टैक्स ही देना पड़ रहा है। इसीलिए यह माँग उठ रही है कि पेट्रोल और डीजलल पर लगने वाले टैक्स में कटौती की जाये।
क्या पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जायेगा? इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा, “इस बारे में जीएसटी काउंसिल विचार कर सकती है।”
इस दौरान वित्त मंत्री ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और अभिनेत्री तापसी पन्नू के ठिकानों पर हुई आयकर विभाग की रेड के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, “जब पिछली सरकार में आयकर विभाग की रेड होती थी, तो ठीक था और जब इस सरकार में रेड होती है, तो वो गलत है। ये वही लोग हैं जिनके यहां 2013 में भी रेड हुई थी। पर तब यह मुद्दा नहीं था, जिसे अब मुद्दा बनाया जा रहा है। ”