न्यूज डेस्क
पिछले दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों पर हर रोज कोई न कोई खुलासा हो रहा है। अब दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली दंगों को लेकर दावा किया है कि दिल्ली की हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी।
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हिंसा वाले इलाकों से हजारों लोग निकल गए और उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में अपने पैतृक गांव चले गए या दिल्ली में कहीं दूसरी जगह परिजनों के साथ रह रहे हैं। सैकड़ों लोग समुदाय द्वारा चलाए जा रहे शिविरों में रह रहे है। कुछ लोग दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कैंपों में भी हैं।’
यह रिपोर्ट दिल्ली अल्पयंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और सदस्य करतार सिंह कोच्चर के हिंसा प्रभावित इलाके के दौरे पर आधारित है।
डीएमसी के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि आयोग की टीम उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में गई थी, जिसमें पाया गया कि हिंसा की वजह से मकानों, दुकानों, स्कूलों और वाहनों को व्यापक नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है , ‘हमारा आकलन है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी जिसमें अधिकतम नुकसान मुसलमानों के मकानों दुकानों को हुआ।’
डीएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘व्यापक स्तर पर मदद के बिना ये लोग अपना जीवन फिर से नहीं संवार पाएंगे। हमें लगता है कि दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मुआवजा इसके लिए पर्याप्त नहीं है।’
अध्यक्ष खान ने कहा कि टीम ने चांद बाग, जाफराबाद, बृजपुरी, गोकलपुरी, मुस्तफाबाद, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और खजूरी खास सहित विभिन्न इलाकों का दौरा किया।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘हम जहां भी गए हमने पाया कि मुसलमानों के मकानों-दुकानों को व्यापक नुकसान हुआ है।’
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीएमसी के सदस्य करतार सिंह 2 मार्च को उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए थे। उन्होंने बताया, ‘यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है। यह दंगा अचानक नहीं हुआ। इन दंगों में उन सभी बिल्डिंगों पर कब्जा किया गया, जो इन इलाकों में सबसे बड़ी और ऊंची थीं। उनको टारगेट करके वहां से सब कुछ किया गया है।’
करतार ने कहा, ‘दिल्ली में हुई हिंसा में बाहर से लोग भी शामिल रहे। दंगाई, दंगों के दौरान 24 घंटे इन बिल्डिंगों में रह रहे थे। ये सभी लोग दंगा भड़काने के लिए तैयार किए गए थे और उनके कपड़े भी अलग थे। अभी हम फिलहाल जांच के लिए एक टीम बनाएंगे जो कि इन सभी पहलुओं की जांच करेगी।’
गौरतलब है कि बीते हफ्ते उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगा में 53 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
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