जुबिली न्यूज डेस्क
किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट केस में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को जहां फटकार लगाया तो वहीं मीडिया को चेतावनी दी है।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसे गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार काम करना चाहिए। पुलिस को आधी-अधूरी और अनुमानों पर आधार पर जानकारी मीडिया को परोसने से बचना चाहिए।
वहीं अदालत ने मीडिया हाउसों को चेतावनी देते हुए कहा कि वो कुछ ऐसा न करें जिससे जांच प्रभावित हो। उनका कंटेंट आक्रामक और स्कैंडल जैसा न हो।
अदालत ने कहा कि खबरों पर एडिटोरियल कंट्रोल किया जाना बेहद जरूरी है।
अदालत ने यह बातें दिशा रवि की उस याचिका की सुनवाई के दौरान कहा जिसमें उन्होंने कोर्ट से दिल्ली पुलिस को यह हिदायत देने की अपील की थी कि उसके मामले से जुड़े तथ्य किसी तीसरे पक्ष को लीक न किए जाएं। इसमें मीडिया भी शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि पत्रकारों से उनके सोर्स के बारे में सवाल नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें भी कोई चीज प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की पड़ताल सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्हें यह देखना चाहिए कि जहां से उन्हें सूचना मिली है वह सोर्स भरोसेमंद है या नहीं।
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अदालत ने यह माना कि ताजा मामले में सनसनीखेज और तथ्यों को तोड़ मरोड़कर कवरेज की गई है।
हालांकि अदालत ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया जिसमें उसने न्यूज चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
दिशा में मीडिया प्लेटफार्म पर चल रहे उस कंटेंट को हटाने की भी मांग की थी, जिनसे उसकी निजता और निष्पक्ष ट्रायल को ठेस लगी है।
इस मामले में अदालत ने कहा कि इस याचिका पर बाद में विचार किया जाएगा। लेकिन कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि मीडिया हाउस केबल टीवी नेटवर्क रूल 1994 में बताए गए प्रोग्राम कोड और एनबीएसए की गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें।
अदालत ने कहा कि मामले के ट्रायल और पुलिस ब्रीफिंग की कवरेज किए जाने में उन्हें गुरेज नहीं है, लेकिन उसे गृह मंत्रालय की 2010 की गाइड लाइन के अनुसार आरोपी के कानूनी अधिकार, निजता और मानवाधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करना होगा।
वहीं एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने दिशा के वकील के आरोपों को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि दिशा का फोन 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस के कब्जे में आया, जबकि आरोपी का कहना है कि उसके जो चैट लीक हुए वो 3 फरवरी के थे।
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राजू का कहना था कि 13 फरवरी तक फोन दिशा के कब्जे में था, हो सकता है कि उसने खुद ही चैट लीक किए हों। दिशा रवि के वकील अखिल सिब्बल ने राजू के इन आरोपों को खारिज कर दिया।
वहीं अदालत के समक्ष दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि व्हाट्सअप संदेश चार्जशीट का हिस्सा हो सकते हैं और तब उनका खुलासा किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि दिशा पुलिस को सवालों का जवाब नहीं दे रही है। वह अपना दोष दूसरे आरोपियों पर मढ़ रही है।
उनका कहना था कि तीनों आरोपियों शांतनु, दिशा और निकिता से एक साथ पूछताछ करने की जरूरत है। इसके लिए शांतनु को नोटिस देकर कहा गया है कि वह 22 फरवरी को जांच के लिए पेश हो। उधर, दिशा रवि को एक अन्य कोर्ट ने तीन दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया।