जुबिली न्यूज डेस्क
तमिलनाडु में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। राज्य का पूरा माहौल चुनावी हो गया है। मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल मैदान में कूद पड़े हैं।
तमिलनाडु में इस बार एआईएडीएमके ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है। ये दोनों दल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी। भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री इडापड्डी के.पलानीस्वामी ने मुसलमानों से कहा है कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन पर एआईएडीएमके के (भाजपा के साथ) गठबंधन का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
तिरुपुर से शुरू हुए दो दिन के चुनावी अभियान पर निकले मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने जमात के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘गठबंधन एक अलग बात है और विचारधारा अलग बात है। गठबंधन बदलते रहते हैं क्योंकि वह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बनते हैं।’
हालांकि जब पलानीस्वामी ने यह बात कही तो उन्होंने किसी भी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन एआईएडीएमके भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है।
मुख्यमंत्री ने बीते महीने रामनाथपुरम में भी इसी तरह का आश्वासन दिया था।
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मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने जोर देते हुए कहा कि ‘उनकी पार्टी जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती। बीते चार सालों में राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। अगर छोटी-मोटी कोई घटना हुई तो उसमें तत्काल कार्रवाई की गई।’
दरअसल उन्होंने यहां उस घटना की ओर इशारा किया, जिसमें भाजपा के राज्य सचिव आर. कल्याणरमन को पैगंबरब मोहम्मद पर दिए गए उनके कथित बयान के लिए हिरासत में लिया गया था।
अपने चुनावी भाषण में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि किसानों को ’10 दिनों के भीतर’ फसल पर ऋण माफी के प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
इस मौके पर उन्होंने विपक्षी पार्टी डीएमके नेता एमके स्टालिन के उस दावे पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि 12,110 करोड़ की कर्जमाफी एक जुमला बनकर रह जाएगा।
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उन्होंने कहा- स्टालिन गरीबों की मुश्किलें कभी नहीं समझ सकते। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कांगेयम में किसानों के साथ बातचीत की।
पलानीस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु और केरल सरकारें अनामालय-नलार योजना के लिए बातचीत कर रही हैं, यह काम जल्द ही शुरू होगा।
इस साल अप्रैल-मई में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। एआईएडीएमके राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी।
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