जुबिली न्यूज डेस्क
काफी समय से जानकार यह कह रहे हैं कि यह राजनीति का संक्रमण काल है। राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर गुजर सकते हैं और उन्हें इसके लिए कोई अफसोस भी नहीं होगा।
ऐसा ही कुछ बिहार के विधानसभा चुनाव में हो रहा हैं। सभी राजनीतिक दल उम्मीदवारों को लेकर माथापच्ची कर रही है। सबका एकमात्र उद्देश्य है कि उसी प्रत्याशी को टिकट दिया जाए जो चुनाव जिता सके। इसके लिए वह अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को भी गले लगाने से परहेज नहीं कर रही हैं।
बिहार में सिर्फ कांग्रेस ही है जिसने ऐलान किया है कि वह महिला अपराध में लिप्त लोगों को टिकट नहीं देगी। बाकी अन्य दलों को कोई परहेज नहीं है।
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राष्ट्रीय जनता दल हो या जेडीयू। सभी ने आपराधिक प्रवृत्ति के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार राजद ने अपने उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिया है, जिसके मुताबिक पार्टी के 38 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
राजद अपराधी प्रवृत्ति के लोगें को टिकट देने का कारण भी बताया है। राजद ने कहा है कि ये सबसे योग्य उम्मीदवार हैं और अपने क्षेत्र में खासे लोकप्रिय हैं। पार्टी ने कहा है कि अन्य उम्मीदवारों की तुलना में इनके जीतने की संभावना ज्यादा है, इसलिए पार्टी ने इन पर भरोसा किया है।
लालू यादव की पार्टी ने जिन दागी नेताओं पर दांव लगाया है उनमें कई नेता ऐसे हैं, जिन पर कत्ल के आरोप हैं। वहीं कई पर धोखाधड़ी, रंगदारी मांगने, मारपीट करने जैसे मामले दर्ज हैं।
इस सूची में बाहुबली नेता अनंत सिंह, राहुल तिवारी, सुरेन्द्र यादव, विजय प्रकाश आदि का नाम शामिल है। राजद के दागी नेताओं की सूंची में संदेश सीट से किरण देवी, सूर्यगढ़ा से प्रहलाद यादव, बेलहर से रामदेव यादव, शाहपुर से राहुल तिवारी, ब्रह्मपुर से शंभुनाथ यादव, मसौढी से रेखा देवी का नाम शामिल है।
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इनके अलावा रामगढ़ से सुधाकर सिंह, इमामगंज से उदय नारायण चौधरी, नबीनगर से डब्लू सिंह, शेखपुरा से विजय कुमार, हिलसा से शक्ति सिंह यादव, कुर्वा से बागी कुमार वर्मा, बोधगया से कुमार सर्वजीत, धौरेवा से भूदेव चौधरी, रजौली से प्रकाश वीर, खजौली से सीताराम यादव, गोह से मीरा कुमार सिंह आदि का नाम शामिल है।
चुनाव आयोग ने निर्देश दिए थे कि बिहार चुनाव में राजनैतिक पार्टियों को अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषित करना पड़ेगा। इसी निर्देश के पालन के तहत राजद ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपने दागी उम्मीदवारों का विवरण दिया है।
जदयू के टिकट पर सबसे ज्यादा दागी नेता चुनाव जीते
एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार की सभी राजनैतिक पार्टियों में दागी नेताओं की घुसपैठ है। साल 2005 से लेकर 2019 तक के सभी चुनाव का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इस दौरान राजद ने सबसे ज्यादा दागी नेताओं को टिकट दिया है। वहीं जदयू के टिकट पर सबसे ज्यादा दागी नेता चुनाव जीते हैं। भाजपा इस कड़ी में दूसरे स्थान पर है।
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इस मामले में कांग्रेस, बसपा, लोजपा और वामपंथी पार्टियां भी पीछे नहीं हैं और सभी पार्टियों में दागी चुनाव लड़ते रहे हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि बिहार में साफ सुथरी छवि वाले नेता के जीतने का प्रतिशत सिर्फ 5 फीसदी है। वहीं दागी नेताओं के जीतने का प्रतिशत 15 फीसदी है।