जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी से लोग बेहाल है तो वहीं बिजली संकट लोगों ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है।
पंजाब में भी इस भीषण गर्मी में बिजली संकट पैदा हो गया है। शुक्रवार को पावर कट को लेकर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को घेरा।
कांग्रेस नेता सिद्धू ने लगातार कई ट्वीट करते हुए पंजाब में बिजली संकट पर सवाल खड़े किए और राज्य सरकार से ही सवाल पूछे।
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अपने ट्वीट में सिद्धू ने लिखा कि पंजाब में पावर कट या एसी चलाने के लिए टाइमिंग फिक्स करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर सही तरीके से काम किया जाए तो पंजाब इस वक्त 4.54 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहा है, जो नेशनल औसत और चंडीगढ़ के औसत से काफी ज्यादा है।
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कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पंजाब किसी अन्य राज्य से अधिक पैसे देकर बिजली खरीदता है। उन्होंने कहा कि बादल सरकार ने तीन कंपनियों से बिजली खरीद की बात तय की थी, 2020 तक हम इन्हीं से बिजली लेते आ रहे थे, लेकिन अब पंजाब को नेशनल ग्रिड से बिजली लेनी चाहिए क्योंकि यहां पर सस्ती बिजली मिलेगी।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा में एक कानून पेश किया जा सकता है, जिससे बिजली के दामों पर एक कैप लगाई जा सकती है। ऐसा करने से पंजाब के लोगों का पैसा बच पाएगा। पंजाब में एक यूनिट पर होने वाली कमाई सबसे कम है, कंपनियों को प्रति यूनिट का चार्ज अधिक देना पड़ता है।
8. Punjab already gives 9000 Crore Power Subsidy but Delhi gives only 1699 Crore as Power Subsidy. If Punjab copies Delhi Model, we will get merely 1600-2000 Crore as Subsidy. To better serve the People of Punjab – Punjab needs an Orignal Punjab Model, Not a copied Model !!
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 2, 2021
पंजाब अपना खुद का बनाए मॉडल
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब 9 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी में देता है, दिल्ली सिर्फ 1699 करोड़ रुपये देता है। अगर पंजाब दिल्ली का मॉडल अपनाता है, तो उसे बचत होगी, लेकिन पंजाब को अपना खुद का एक मॉडल चाहिए।
उन्होंने आगे लिखा है-निजी ताप संयंत्रों को अनुचित और अत्यधिक लाभ देने पर खर्च किए गए पैसे का इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए किया जाना चाहिए। घरेलू उपयोग के लिए मुफ्त बिजली के लिए सब्सिडी देना (300 यूनिट तक), 24 घंटे की आपूर्ति और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में निवेश करना ही पंजाब के लिए बेहतर बिजली मॉडल है।
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