जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी में विधान सभा चुनाव साल 2022 में होना लेकिन सपा अभी से इसकी तैयारी में जुट गई। उधर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का सपा प्रेम भी जाग गया है। ऐसे में शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा का विलय सपा में किसी भी वक्त हो सकता है।
बता दें शिवपाल यादव ने कई मौको पर समाजवादी पार्टी के पक्ष में बयान दिया है। उन्होंने 15 अगस्त कहा था कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं। हालांकि शिवपाल के इस बयान के बाद सपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
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इसके बाद फिर उन्होंने दोहराया और कहा था कि वैचारिक मतभेद के बावजूद मेरा किसी से मनभेद नहीं। उन्होंने आगे कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए लोहियावादियों, गांधीवादियों, चरणसिंह वादियों और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक मंच पर आना होगा।
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हालांकि अभी तक अखिलेश यादव या फिर सपा की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं है। इसपर शिवपाल यादव बेहद निराश नजर आ रहे हैं। शिवपाल यादव बाराबंकी में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत हो रही थी तभी उनसे किसी ने पूछा कि समाजवादियों को इकट्ठा करने की बात करते है मगर उनके छोटे यानि अखिलेश इस पर न तो कोई पहल कर रहे है और न कोई बयान दे रहे हैं ।
इस पर शिवपाल यादव ने कहा कि उनकी बात सीनियर समाजवादियों से हो चुकी है कि 2022 और 2024 के चुनाव में सभी समाजवादी, गांधीवादी और चरणसिंह वादी एक हो। हालांकि उनकी पार्टी का सपा में विलय होगा या नहीं इसको लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया लेकिन शिवपाल ने केवल इतना कहा कि चुनाव में थोड़ा वक्त है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भले ही चुनाव में वक्त हो लेकिन राजनीतिक दल अभी से 2022 चुनाव के लिए जुट गए है। सपा-बसपा दोनों जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस को कम आंकना बड़ी भूल हो सकती है, क्योंकि हाल के दिनों में प्रियंका की मौजूदगी से यूपी में कांग्रेस अब बेहतर नजर आ रही है। ऐसे में सपा के लिए बसपा-बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस भी बड़ी चुनौती हो सकती है।