जुबिली न्यूज डेस्क
राज्यसभा में निलंबित किए गए आठ सांसदों के समर्थन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार भी आ गए हैं। उन्होंने समर्थन करते हुए कहा कि मैं भी एक दिन का उपवास रखूंगा।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘मैं भी उनके (आठ निलंबित राज्यसभा सांसदों) आंदोलन में हिस्सा लूंगा और उनके समर्थन में एक दिन का उपवास रखूंगा’।
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पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कही। इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इनकम टैक्स के नोटिस भिजवा कर उनके खिलाफ प्रोपगेंडा रच रही है।
यह तंज उन्होंने आयकर विभाग की नोटिस पर दिया। मालूम हो कि शरद पवार, उनकी बेटी सांसद सुप्रिया सुले , महाराष्टï्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है।
राज्यसभा में रविवार को कृषि बिल के दौरान हंगामा करने वाले आठ विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे ध्वनिमत से मंजूर किया गया।
राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि रविवार को जो कुछ हुआ निंदनीय है और वह बुरा दिन था। सरकार की ओर से प्रस्ताव के बाद सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
इन पर कार्रवाई होने के बाद भी आठों सांसद सदन के बाहर नहीं गए, जिसके कारण सदन को पांच बार स्थगित करना पड़ा। हालांकि कुछ देर बाद निलंबित सांसद और विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया। निलंबित आठ सांसद संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे रहे। हालांकि आज उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया।
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जिन सांसदों पर कार्रवाई हुई है, उनमें डेरेक ओ ब्रायन(तृणमूल कांग्रेस), संजय सिंह(आप), रिपुन बोरा(कांग्रेस), नासिर हुसैन(कांग्रेस), केके रागेश(सीपीएम), ए करीम(सीपीएम), राजीव सातव(कांग्रेस) और डोला सेन(तृणमूल) शामिल है।
उपसभापति ने लिखा पत्र
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की घटना को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू को एक पत्र लिखा है। इसी पत्र में उन्होंने अपने अपमान के खिलाफ एक दिन के लिए उपवास रखने की बात भी कही है।
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हरिवंश के पत्र की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों से इस पत्र को पढ़ने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्र ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।’
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