न्यूज डेस्क
भले ही केन्द्र सरकार ने नागरिकता संसोधन काननू को लागू कर दिया हो, लेकिन इसको लेकर विरोध अभी भी जारी है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसद में सीएए पर चर्चा कराए जाने की मांग के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि कुछ लोग वोट की खातिर इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
बिहार के वैशाली में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में सीएए को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है साथ ही उन्होंने लालू यादव, ममता बनर्जी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये नेता देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद सीएए पर लोगों को गुमराह करना बंद करें। इस कानून की वजह से किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही है।
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भाजपा अध्यक्ष शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने सीएए विरोधी दंगे करवाए, जिसकी वजह से बीजेपी को उनके नापाक इरादों के बारे में लोगों को बताने के लिए देशभर में रैलियां करनी पड़ीं। सीएए का मकसद उन लोगों की मदद करना है जिनकी आंखों के सामने उनकी महिलाओं से बलात्कार किया गया, उनकी संपत्तियां छीन ली गई और उनके पूजा स्थलों को अपवित्र किया गया जिसके बाद वह भारत आए।
सीएए की वकालत करते हुए अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से अनेक पीडि़त लोगों को लाभ मिलेगा, लेकिन कुछ लोग अपने वोट बैंक के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। यह देश के लोगों को नागरिकता देगा, लेगा नहीं।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन करने का काम किया। इससे लाखों शरणार्थी भारत आए और जो लोग पाकिस्तान में रह गए वहां हिंदू, बौद्ध, जैन भाइयों के साथ अन्याय हुआ। पाकिस्तान और बांग्लादेश में 30 प्रतिशत हिंदू, बौद्ध और जैन थे लेकिन आज 3 प्रतिशत लोग हैं।
उन्होंने कहा कि मैं लालू यादव, राहुल गांधी और ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूं कि बाकी लोग कहां गए। इन लोगों की आंख अंधी है और कान बहरे हो गए हैं। इनकी बुद्धि ही खो गई है। उन्होंने कहा कि जिनके मंदिर, गुरुद्वारे तोड़ दिए गए, वे कहां जाएंगे? यहीं आएंगे।’
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