जुबिली न्यूज डेस्क
देश में कोरोना का तांडव चरम पर है। कई राज्यों में तो स्थिति इतनी बुरी हो गई है कि मरीज सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं। एक ओर संक्रमण तेजी से देश में फैल रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार कुंभ मेला और चुनाव कराने में मस्त है।
कई राज्यों में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए बड़े पैमाने पर हो रहे चुनाव प्रचार को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस सबको लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कुंभ मेला हो या फिर रमजान…इनमें कोरोना के लिहाज से अमल में लाए जाने वाले नियम और बर्ताव का पालन नहीं हुआ है। यह हो भी नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि उन लोगों को अपील करनी पड़ी और कुंभ अब सांकेतिक मेला में तब्दील हो चुका है।
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अमित शाह ने ये बातें अंग्रेजी समाचार चैनल ‘ Times Now’ से बातचीत के दौरान कहीं। शाह ने कहा, “पिछले तीन महीनों में हमने सूबों को विश्लेषण के आधार पर पाबंदियां लगाने की मंजूरी दी। हर राज्य अलग किस्म की जंग लड़ रहा है। इससे जुड़ा आकलन राज्य सरकारों को करना पड़ेगा और उनके पास पाबंदियां लगाने का अधिकार भी है। यह सूबों पर निर्भर करता है कि वह कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए क्या करते हैं।”
शाह ने आगे कहा-चुनाव आयोग सभी दलों से बात कर चुका है और यह फैसला हो चुका है कि चुनाव प्रचार में एक दिन और कम हो जाएगा और दिन का प्रचार-प्रसार शाम सात बजे खत्म हो जाएगा। पार्टियों से अपील की गई कि वे रैलियों में मास्क और सैनिटाइजर मुहैया कराएं और मेरी पार्टी (भाजपा) इसकी शुरुआत 17 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से कर चुकी है।
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उन्होंने कहा कि वहां हम लोगों ने पांच करोड़ मास्क का वितरण किया, पर चुनावी रैली को लेकर क्या होगा, यह सिर्फ चुनाव आयोग ही तय कर सकता है।
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इसके अलावा शाह ने रविवार को बंगाल के पूर्वास्थली में एक रैली में इस बात पर जोर दिया कि सूबे में पांच चरणों में जिन 180 सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें से 122 से अधिक सीटें भाजपा जीतेगी।
शाह के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी (भाजपा उम्मीदवार) नंदीग्राम से चुनाव जीत रहे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का एक ही एजेंडा है-”उन्हें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) को अपशब्द कहना।”