जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रहने वाले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक का एक साक्षात्कार इन दिनों चर्चा में है।
किसान आंदोलन के समर्थन में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक दरअसल एक इंटरव्यू में एंकर पर ही भड़क गए।
टाइम्स नाउ नवभारत पर सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे पर बात कर रहे थे। एंकर सुशांत सिंह ने जब किसानों को भड़काने का सवाल पूछा तो राज्यपाल मलिक नाराज हो गए।
मलिक ने एंकर से कहा कि आपके इंटरव्यू में आकर गलती कर दी। आपमें गवर्नर से बात करने का लहजा तक नहीं है।
राज्यपाल ने कहा- “पता नहीं आप क्या…किसलिए कर रहे हैं। मेरे खिलाफ चार्ज लगाना चाहते हैं कुछ… आपको जो सोचना है सोचें”।
इसके बाद एंकर ने मलिक से राज्यपाल के पद और इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा, जिस पर सत्पाल मलिक भड़क गए और उन्होंने कहा- “गवर्नर का पद मेरे लिए कभी महत्वपूर्व नहीं है। मैं कभी भी छोड़ सकता हूं। ये गलत लोगों की सोच बहुत छोटी है। इसमें गवर्नर का पद कहीं नहीं आता है”।
इसके बाद एंकर ने जब सीधे उनसे इस्तीफे को लेकर सवाल किया तो राज्यपाल मलिक ने कहा कि बहुत गलती की मैंने आपको इंटरव्यू देकर। आपको मेरे साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा- “आपको इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए थी। मैं क्यों छोड़ दूं गवर्नर का पद, जिसने मुझे बनाया अगर वो कह देगा… मुझे आपकी शालीनता से कोई लेना देना नहीं है…पब्लिक के मन में जो है रखे। मुझे गवर्नर प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति ने बनाया था, वो अगर इशारा भी कर देते या कर देंगे तो मैं एक मिनट में छोड़ दूंगा”।
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आगे जब MSP और कृषि कानून की बात आई तो राज्यपाल मलिक ने एंकर के एटिट्यूड पर सवाल उठाते हुए बीच में ही इंटरव्यू को छोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे कहीं जाना है, मैं आपके एटिट्यूड से बहुत खुश नहीं हूं। मैंने आपको गलती से समय दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ से भी कहा कि गलती हो गई, आगे से इसे कभी ना देना, ना बुलाना।
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मालूम हो कि इससे पहले सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तो इनका हाल इंदिरा गांधी और जनरल डायर जैसा होता।