जुबिली न्यूज डेस्क
देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में शीर्ष नेताओं में चल रहे कोल्ड वॉर के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह समय चीजों को गहराई से विश्लेषण का है, यदि चूक इंचार्ज के स्तर पर हुई तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, जिससे भी चूक जिस लेवल पर हुई उनको सजा मिले। लेकिन हम सीधे कह दें कि सबको इस्तीफा देना चाहिए, तो वह ठीक नहीं रहेगा।
रावत ने कहा कि यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी जी ने अभूतपूर्व मेहनत की है, इसकी पूरी दुनिया साक्षी है। इससे बेहतर तरीके से कोई चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है।
मालूम हो कि उत्तराखंड में कांग्रेस की मिली करारी हार के बाद सवाल उठने लगे। इतना ही नहीं कांग्रेस के भीतर रावत की राजनीतिक हैसियत पर भी बात होने लगी।
हरीश रावत की करारी हार से कांग्रेस गहरे सदमे में है। जिस रावत को कांग्रेस अपना मुख्य चेहरा मानते हुए चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था, वह बीजेपी की में इस तरह धराशायी होंगे, किसी ने सोचा भी नहीं था।
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दरअसल हरीश रावत को उत्तराखंड की सियासत का सबसे सयाना नेता माना जाता है। लेकिन उनकी हार की वजह उनके फैसले को भी माना जाता है।
साल 2014 में धारचूला सीट पर उपचुनाव जीते रावत वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मैदानी सीटों पर शिफ्ट हो गए। हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा सीट पर चुनाव लडऩे का फैसला राजनीतिक रूप से बड़ी भूल साबित हुआ।
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इस बार भी रावत सीट के चयन पर अंतिम क्षणों तक उलझे ही रहे। हाईकमान के दबाव के बाद उन्होंने पहले रामनगर सीट को चुनाव और टिकट हासिल भी कर लिया था, लेकिन पार्टी में उपजे विवाद के बाद रावत लालकुआं सीट पर शिफ्ट होने को भी आसानी से राजी हो गए।