जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। इसकी तैयारी अब अंतिम रूप में है। योगी सरकार इस पूरे समारोह को बेहद खास बनाने की तैयारी में है।
इतना ही नहीं योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए अयोध्या में 22 जनवरी की तारीख में सभी होटलों-धर्मशालाओं की प्री-बुकिंग को कैंसिल कर दिया है।
22 जनवरी को अयोध्या में सिर्फ वही लोग रुक पाएंगे जिनके पास ड्यूटी का पास या श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट का निमंत्रण पत्र होगा। वहीं राम मंदिर ट्रस्ट देश-भर के तमाम बड़े नेताओं और साधु संतों को आने का न्यौता दे रहा है।
इसमें सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के बड़े नेताओं को आमंत्रित दिया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है लेकिन मान्यवरों की सूची में मनसे प्रमुख राज ठाकरे का तो नाम है लेकिन शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्षप्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का नाम शामिल नहीं है।
इससे शिवसेना (उद्धव गुट) में जबरदस्त नाराजगी है। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने दावा किया कि “जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया था, उस समय शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे ने इसकी जिम्मेदार ली थी। अयोध्या में नव निर्मित मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह अगले साल 22 जनवरी को आयोजित किया जाना है।
संजय राउत ने कहा, “उद्धव ठाकरे को अयोध्या जाने के लिए निमंत्रण देने की कोई आवश्यकता नहीं है. हम आपसे (बीजेपी) पहले अयोध्या में हैं। ” संजय राउत ने कहा कि “विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख (दिवंगत) अशोक सिंघल मुंबई में ठाकरे के आवास मातोश्री में बैठकें किया करते थे और उस वक्त बीजेपी वहां थी ही नहीं। “