जुबिली न्यूज डेस्क
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है वैसे-वैसे किसान आंदोलन पर चर्चा कम होती जा रही है। केंद्र सरकार तो इस पर बात करना भी जरूरी नहीं समझ रही है, लेकिन किसान नेता आंदोलन को धार देने की कोशिश में लगे हुए हैं।
शनिवार को किसानों के आंदोलन के सौ दिन पूरे हुए। इस मौके पर किसानों ने देश के कई हिस्सों में चक्का जाम किया था। वहीं इस मौके पर एक बार फिर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को चेताया और आंदोलन को तेज करने की अपील की।
टिकैत ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों से इतर अब बीज कानून आने वाला है। इसके तहत पुलिस देखेगी और अगर खेत में किसी कंपनी का बीज पाया गया, तो उस किसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
किसानों की एक महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि हमारी लड़ाई देश में बड़े व्यापारियों से है जो रोटी को तिजोरी की वस्तु बनाना चाहता है। अनाज कोठियों और तिजोरी में बंद करना चाहता है। ये लोग अनाज की कीमतें तय करना चाहते हैं।
टिकैत ने संबोधन के दौरान किसानों को समझाया कि आंदोलन किन चीजों पर है। उन्होंने कहा- बीज कानून आ रहे हैं। बीज विधायक आ रहा है। पुलिस देखेगी कि खेत में क्या बोया जा रहा है। अगर कहीं पर किसी कंपनी का बीज निकल आया, तो मुकदमे दर्ज होंगे। पंजाब में ऐसा हुआ भी है। आलू की किसी ने वैरायटी लगाई थी, गुजरात में…उस पर केस हुआ।
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टिकैत ने कहा अगर किसी राजनीतिक पार्टी की सरकार होती तो समझौता हो जाता। पहले भी सरकारें रही हैं…जब भी आंदोलन हुए, तो सरकारें बातें करती थीं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया कि सरकार को आंदोलन से कोई मतलब ही नहीं है। उन्होंने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया। दिल्ली के जो एक-आध रास्ते खुले थे, वे भी बंद कर दिए।
टिकैत ने कहा कि यह सरकार नहीं हो सकती। यह पक्के व्यापारी हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां सरकारों के बीच में घुस गई हैं। ये लुटेरे हैं, जो देश लूटने आए हैं।
टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन कितना आगे चलेगा? यह नहीं पता।