जुबिली न्यूज डेस्क
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को कल अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाया। मलिक की उम्रकैद की सजा सुनाए जाने का पाकिस्तान के नेता विरोध कर रहे हैंं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मलिक को टेरर फंडिंग मामले में सुनाई गई उम्रकैद की सजा का विरोध किया है।
शरीफ ने ट्वीट करके इसे भारतीय लोकतंत्र और न्यायिक प्रणाली के लिए काला दिन करार दिया है।
अपने ट्वीट में पाक पीएम ने लिखा, ” भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्यायिक प्रणाली के लिए आज काला दिन है। यासीन मलिक को शारीरिक तौर पर भारत भले ही जेल में डाल सकता है लेकिन आजादी के जिस विचार के लिए मलिक जाने जाते हैं उस विचार को कैद नहीं किया जा सकता। एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी को आजीवन कारावास देना कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नया प्रोत्साहन देगा।”
Today is a black day for Indian democracy & its justice system. India can imprison Yasin Malik physically but it can never imprison idea of freedom he symbolises. Life imprisonment for valiant freedom fighter will provide fresh impetus to Kashmiris’ right to self-determination.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 25, 2022
पीएम के अलावा अन्य कई नेताओं की इस पर प्रतिक्रिया आई है। पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी मलिक की सजा का विरोध किया है।
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भुट्टो ने अपने ट्वीट में लिखा है, ” मैं यासीन मलिक को अन्यायपूर्ण सजा सुनाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं। कश्मीरियों की आजादी और उनके आत्म सम्मान की आवाज को भारत कभी भी चुप नहीं करा सकता है। पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है। हम उनके संघर्ष में हर संभव मदद करता रहेगा।”
Strongly condemn unjust sentencing of Hurriyat leader Yasin Malik in a sham trial. India can never silence Kashmiris’ voice for freedom and self-determination. Pakistan stands with Kashmiri brothers and sisters, will continue to provide all possible support in their just struggle
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) May 25, 2022
पाक के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी मलिक की सजा को लेकर ट्वीट किया है। अफरीदी ने लिखा है, ” जिस तरह से भारत कश्मीर में मानवाधिकार के हनन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है उसका कोई मतलब नहीं है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर लगाए झूठे आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को नहीं रोक पाएंगे। कश्मीर के नेताओं के खिलाफ इन झूठे मुकदमों में यूनाइटेड नेशन को सामने आना चाहिए।”
India’s continued attempts to silence critical voices against its blatant human right abuses are futile. Fabricated charges against #YasinMalik will not put a hold to #Kashmir‘s struggle to freedom. Urging the #UN to take notice of unfair & illegal trails against Kashmir leaders. pic.twitter.com/EEJV5jyzmN
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) May 25, 2022
वहीं पाक के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद यूनाइटेड नेशन से इस मामले में दखल देने की अपील की है।
मीर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ” ये समय है कि यूनाइटेड नेशन को मलिक और दूसरे कश्मीरी नेताओं के खिलाफ झूठे आरोपों का संज्ञान लेना चाहिए।”
It’s time for @UN to take notice of fabricated charges against #YasinMalik and other Kashmiri leaders https://t.co/zdtOYkHtba
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) May 25, 2022
इसके अलावा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर ने भी इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत की कठपुतली कोर्ट ने मलिक को बिना सबूत और गवाहों के सजा देकर इंसाफ का गला घोंटा है। पाक की जनता पूरी तरह अलगाववादी नेता के साथ खड़ी है।
اسپیکر @RPAPPP نے کشمیری حریت رہنما #یاسین_ملک کو بھارت کی کٹھ پتلی عدالت کی طرف سے عمر قید کی سزا دینے کی شدید مذمت کرتے ہوئے کہا ہے کہ یاسین ملک کیس میں ثبوت اور گواہی کے بغیر سزا دے کر انصاف کا گلا گھونٹا گیا ہے۔ پوری پاکستانی قوم یاسین ملک سے مکمل یکجہتی کا اظہار کرتی ہے۔ pic.twitter.com/RJMhlmlbs0
— National Assembly of Pakistan🇵🇰 (@NAofPakistan) May 25, 2022
मालूम हो कि मंगलवार को पाक की नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से मलिक के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि भारत यासीन मलिक पर झूठे आरोप लगा रहा है।
पाक की एक न्यूज वेबसाइट डॉन के अनुसार, प्रस्ताव पेश करते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा था कि सदन कश्मीरी लोगों को उनके वास्तविक नेतृत्व से वंचित करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत सरकार की निंदा करता है।
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यासीन मलिक को बुधवार को NIA की एक कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामलों में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मलिक पर भारत के विरुद्ध युद्ध छेडऩे, आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने जैसे संगीन आरोप थे। कोर्ट में उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।