न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र का सियासी समीकरण बदल चुका है। बीजेपी और शिवसेना की राहें अलग हो चुकी हैं। 30 साल तक एक ही मुद्दे पर राजनीति करने वाली दोनों पार्टियां अब सहयोगी नहीं बल्कि विरोधी हो गई हैं। बीजेपी से अलग सरकार बनाने के ऐलान के साथ ही शिवसेना ने गठबंधन से भी खुद को अलग कर लिया है।
वहीं शिवसेना के इस फैसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान आया है। पत्रकारों ने उनसे जब पटना में इस पूरे घटनाक्रम पर पूछा तो उन्होंने कहा कि वो जाने भाई इसमें हमको क्या मतलब है?.
महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी यह अब साफ हो गया है। ऐसे में अब सभी की निगाहें शिवसेना और एनसीपी की तरफ हैं।
Chief Minister of Bihar, Nitish Kumar on being asked 'Shiv Sena has left NDA, what do you have to say?': Vo jaane bhai isme humko kya matlab hai? pic.twitter.com/ayIKzNPEkr
— ANI (@ANI) November 11, 2019
कांग्रेस से बात किए बगैर कोई फैसला नहीं : एनसीपी
वहीं शिवसेना के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार बनाने को लेकर कोई भी फैसला कांग्रेस से बात किए बगैर नहीं करने जा रहे हैं।
उधर, कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी शिवसेना को समर्थन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लेगी।
इन सब के बीच, केंद्र की मोदी सरकार में शामिल शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफे का ऐलान किया है। ट्विटर पर इस्तीफे के फैसले की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। झूठे माहौल के साथ नहीं रहा सकता है।
बीजेपी-शिवसेना की 30 साल पुरानी थी दोस्ती
मालूम हो कि शिवसेना और बीजेपी की दोस्ती 30 साल पुरानी थी, लेकिन अब यह दोस्ती टूट चुकी है। दोस्ती टूटने की वजह मुख्यमंत्री पद रहा, जिसको लेकर बीजेपी-शिवसेना अड़ी रही। कोई भी झुकने को तैयार नहीं हुआ और अंतत: यह दोस्ती टूट गई।
शिवसेना का गठबंधन से संबंध तोड़ने के पीछे माना जा रहा है कि एनसीपी ने महाराष्ट्र में साथ सरकार बनाने के लिए शिवसेना के सामने शर्त रखी थी कि उसे पहले एनडीए से नाता तोडऩा होगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।
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