जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इस बार नीतीश मुख्यमंत्री बन रहे हैं तो तो सिर्फ बीजेपी की वजह से। इस बार गठबंधन की साथी पार्टी बीजेपी और जदयू के बीच सीटों का फर्क आया है। इस बार जहां बीजेपी 74 सीटों के साथ बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, वहीं जदयू 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर खिसक गई।
चुनाव की जीत के बाद गुरुवार की शाम को नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस मौके पर जब पत्रकारों ने उनसे चुनाव प्रचार के अंतिम समय में दिए गए ‘आखिरी चुनावÓ वाले बयान के बारे में सवाल किया गया, तो वह बड़ी चालाकी से पलटी मार गए और कहा कि सभी लोगों ने उनकी बात को गलत समझ लिया।
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अपने आखिरी चुनाव वाले बयान को स्पष्ट करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “वो आप लोगों ने ठीक नहीं सुना। बात समझ गए न। हम हर अंतिम चुनावी सभा में ये बोलते हैं। अंत भला तो सब भला। अगर देखिएगा, उसका पीछे का देखिएगा, आगे का देखिएगा। कुल मिलाकर देखिएगा। तब एक पूरी बात है। ”
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मालूम हो कि नीतीश कुमार ने तीसरे चरण के मतदान से ठीक पहले पूर्णिया के धमदाहा में रैली की थी। यहां उन्होंने कहा था, “जान लीजिए, आज चुनाव का आखिरी दिन है। परसों चुनाव है और ये मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।”
अपने जदयू प्रत्याशी के लिए वोट मांगते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था- आप बताइए वोट दीजिएगा। हम इन्हें जीत का माला समर्पित कर दें? आप सबने आश्वस्त किया। अब परसों आप सब लोग वोट कर के विजयी बनाइएगा।
नीतीश के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें लग रही थीं कि यह उनका आखिरी चुनाव है, लेकिन अब जब वह एक बार फिर सत्ता में आ गए तो उनके सुर बदल गए।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही नीतीश ने जदयू को नुकसान पहुंचाने वाली लोजपा और उसके मुखिया चिराग पासवान पर इशारों में हमले किए। नीतीश ने कहा कि अब यह फैसला एनडीए को करना है कि आगे के कदम क्या होंगे। चुनाव नतीजों का विश्लेषण हो रहा है। एक-एक सीट देखी जा रही है।