जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान तेज हो गया है। बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने हैं। दोनों के बीच जुबानी हिंसा जारी है। इस बीच अन्य सियासी दल भी सक्रिय हो गए हैं। ऐसी चर्चा है कि नीतीश कुमार की जेडीयू पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ सकती हैं।
अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा में बिहार में एनडीए का सहयोगी दल जदयू भी चुनाव मैदान में उतरेगा के सवाल पर बिहार के मुख्यमंत्री व जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि बंगाल से हमारे साथ जुड़े बहुत से लोग आए हुए थे, मगर चुनाव के बारे में कोई बात नहीं हुई।
नीतीश कुमार के पहले जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा था कि राज्य में पार्टी की इकाई कम से कम 75 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है और यह संख्या नेतृत्व से मंजूरी मिलने पर बढ़ सकती है।
इस मामले में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा है कि 26 तारीख को एग्जीक्यूटिव की बैठक होने वाली है। हमारी पार्टी के संविधान का प्रावधान है, उसी के अंतर्गत ये बैठक हो रही है।
अगले साल आने वाले महीनों में पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों के लिए चुनाव होना है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी राज्य में शानदार किया था। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए भापजा प्रमुख चुनौती होगी।
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जेडीयू के चुनाव लडऩे पर पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा था कि उनकी पार्टी पहले भी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है। हम इस बार भी ऐसा करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने मालदा, सिलीगुड़ी, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, बांकुरा और नंदीग्राम जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान चलाया है। पार्टी उन जगहों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आशान्वित है जहां बिहार से आए लोगों का प्रतिशत अधिक है।
बलियावी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार के सुशासन की आस-पास के राज्यों में चर्चाएं हो रही हैं।
जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन बिहार तक ही सीमित
पश्चिम बंगाल में भाजपा के साथ गठबंधन करने के सवाल पर जदयू का कहना है कि भाजपा के साथ उसका गठबंधन बिहार तक ही सीमित है। पार्टी ने कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में भाजपा के साथ गठजोड़ किये बिना चुनाव लड़ा था। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा सत्ता में है, वहां जदयू मुख्य विपक्षी दल है।
हालांकि जदयू ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। एक सवाल का जवाब देते हुए बलियावी ने कहा उनकी राय है कि भाजपा को नीतीश कुमार को साथ लेने के बारे में विचार करना चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो हर दल को अपने जनाधार के विस्तार का अधिकार है ।
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