न्यूज डेस्क
देश में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों पर लग रहे भारी-भरकम जुर्माने की वजह से लोग सहम गए हैं। सोशल मीडिया पर इस मसले पर खूब बहस हो रही है। लोग इसे सही नहीं मान रहे, लेकिन सरकार का मानना है कि भारी जुर्माने से ही ट्रैफिक नियमों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
भारी चालान पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि हमें कानून का सम्मान करना चाहिए और कानून का डर भी बना रहना चाहिए।
गौरतलब है कि 1 सितंबर से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद से देश के कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर ट्रैफिक रूल तोडऩे वालों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। इसी को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि अगर ट्रैफिक नियमों का पालन ना करने से कोई एक्सिडेंट होता है तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इस तरह जुर्माने की राशि बढ़ाने की सरकार की इच्छा नहीं थी। अहम बात ये है कि एक समय ऐसा आना चाहिए जहां पर इस तरह कोई जुर्माना ही ना हो और हर कोई नियमों का पालन करें।
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मालूम हो कि केंद्र द्वारा लागू मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध भी हो रहा है। ट्रांसपोर्ट यूनियन, टैक्सी यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाने की बात कही है। नए एक्ट के खिलाफ 9 सितंबर को राजधानी में चक्का जाम करने का भी आह्वान किया गया है। हालांकि, अभी तक सरकार के द्वारा इस कानून पर पीछे हटने की बात सामने नहीं आई है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट में हुए संशोधन के बाद अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर 10 गुना तक अधिक जुर्माना भरना पड़ेगा। सिर्फ राजस्थान और बंगाल को छोड़कर पूरे भारत में मोटर व्हीकल संशोधन कानून लागू हो गया है।
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