जुबिली न्यूज डेस्क
राज्यसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक घंटे से ज्यादा लंबा भाषण दिया। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
अपने भाषण में मोदी ने कई बार विपक्ष को लेकर चुटीली टिप्पणी की जिस पर सदन ठहाकों से गूंज उठा।
भाषण खत्म करते-करते भी मोदी ने ऐसा कुछ कहा कि सदन में मौजूद सभी सदस्य ठहाके लगाने को मजबूर हो गये। पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि ‘आप लोग कोरोना के चलते कहीं बाहर नहीं जा पाते होंगे, ऊपर से घर में भी किच-किच होती होगी। ऐसे में सारी भड़ास मुझपर निकालकर आप खुशी से घर जा सकते हैं।’
भाषण खत्म करते वक्त पीएम मोदी ने कहा कि ‘यह आनंद लेते रहिए… मोदी है मौका लीजिए।’ मोदी का का इतना कहना था कि सदन ठहाकों से गूंज उठा।
नया शब्द ‘आंदोलनजीवी’ दिए मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में कहा, “हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी… बुद्धिजीवी… ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे… स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।”
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कृषि कानूनों के विरोध पर पीएम ने कसा तंज
विपक्षी सदस्यों के कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध करने पर पीएम मोदी ने कहा, “मजा ये है जो लोग पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं उछल-उछल के, उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है। किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए हैं। शिकायत ये है कि तरीका ठीक नहीं था… जल्दी कर दिया… ये रहता है। वो तो परिवार में शादी होती है तो फूफी नाराज होकर कहती है.. मुझे कहां बुलाया.. वो तो रहता है… इतना बड़ा परिवार है तो वो तो रहता ही है।”
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