जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया।
इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने विवि द्वारा कोरोना काल में किए गए सकारात्मक कार्यों के लिए उसकी तारीफ की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एएमयू ने कोरोना संकट के दौरान अहम भूमिका निभाई है। एमएमयू कैंपस अपने आप में मिनी इंडिया है। यह विश्वविद्यालय देश की अमूल्य धरोहर है। इसके छात्र दुनिया में हर जगह हैं।
उन्होंने कहा कि इस कैंपस में एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो दूसरी तरफ हिंदी। विवि ने इसके साथ ही सामाजिक दायित्व भी निभाया है।
सबसे रोचक बात यह है कि एएमयू में 56 साल बाद किसी प्रधानमंत्री का भाषण हुआ। मोदी से पहले प्रधानमंत्री के नाते लाल बहादुर शास्त्री ने तब एएमयू को संबोधित किया था।
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जहां एक ओर विवि प्रशासन और स्टूडेंट्स में पीएम के संबोधन को लेकर उत्साह नजर आया, वहीं दूसरी तरफ छात्रों के एक धड़े ने प्रधानमंत्री के इस भाषण का विरोध किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।
यह भी पढ़ें : टीएमसी में शामिल बीजेपी सांसद की पत्नी ने तलाक की धमकी पर क्या कहा?
यह भी पढ़ें : ममता को मात देने के लिए बीजेपी का ये है मास्टरप्लान?
बकौल पीएम, “आज एएमयू से शिक्षा लेकर निकले सारे लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों पर ही नहीं बल्कि दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हुए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।”
यह भी पढ़ें : राजनीतिक दलों के लिए इतना अहम क्यों हुआ उत्तर प्रदेश?
यह भी पढ़ें : अलविदा दादा मोतीलाल बोरा जी
मोदी के संबोधन से पहले विवि के वीसी तारिक अनवर ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम में चांसलर सैयद मुफद्दल सैफुदीन के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निंशक भी उपस्थित रहे। प्रोग्राम के दौरान पीएम मोदी ने खास डाक टिकट भी जारी किया।