जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ा आरोप लगाया था और कहा था कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कैश-गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती है।
इतना ही नहीं टीएमसी सांसद पर आरोप लगा था कि उन्होंने अदाणी ग्रुप को निशाना बनाने के लिए पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। इस पूरे मामले पर अब झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को लेटर लिखकर इसकी शिकायत की और गंभीर आरोप लगाये थे ।
अब इस मामले में व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को संसद की आचार समिति के सामने एफिडेविट दाखिल किया है। इस एफिडेविड पर गौर करें तो इसमें उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर बेहद चौंकाने वाली बात कही है।
इसमें कहा गया है कि महुआ ने हीरानंदानी के साथ अपनी संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था, जिससे वह (हीरानंदानी) महुआ की तरफ से सवाल कर सकें। मामला अब ज्यादा तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। वही अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सफाई दी है। इसपर टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी का एजेंडा है मुझे चुप कराना।
Chairman Ethics Committee openly speaks to media. Please see Lok Sabha rules below. How does “affidavit” find its way to media? Chairman should first do enquiry into how this was leaked.
I repeat – BJP 1 point agenda is to expel me from LS to shut me up on Adani pic.twitter.com/6JHPGqaoTI— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “एथिक्स कमेटी के चेयरमैन मीडिया से बात कर रहे हैं. कृप्या लोकसभा के नियम देखें। कैसे एफिडेविट मीडिया तक पहुंचा? चेयरमैन को इसकी जांच करानी चाहिए कि ये कैसे लीक हुआ।मैं दोहराती हूं कि बीजेपी एक सूत्रीय एजेंडा अडानी मामले में मेरा मुंह बंद कराने के लिए लोकसभा से निष्कासित करना।” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए हीरानंदानी से मदद ली।
विनोद सोनकर ने कहा, “मुझे शुक्रवार (20 अक्टूबर) को अपने ऑफिस से सूचना मिली कि हीरानंदानी की दो पेज की चिट्ठी आई है।
26 तारीख को मैंने एथीक्स कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सांसद निशिकांत दुबे और वकील को बुलाया गया है। ” सोनकर ने कहा, “निशिकांत दुबे कमेटी के सामने आकर अपना बयान दर्ज कराएंगे और जो भी सबूत उनके पास होंगे वह कमेटी को देंगे. कमेटी इन सभी सबूतों को संज्ञान में लगी उनकी जांच करेगी। “