जुबिली न्यूज डेस्क
पूरे देश में कोरोना का कहर बरप रहा है। शहर, कस्बा और गांव , कोई भी कोरोना से नहीं बचा है। कुछ दिनों पहले तक शहरों से
वीभत्स तस्वीरें आ रही थीं। अब गांवों में दिल दहलाने वाली तस्वीरें आ रही हैं।
लेकिन इस सबके बीच सरकारें सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है। यूपी की योगी सरकार भी लगातार अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने प्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण कर लिया है। सरकार के इन दावों के बीच गंगा में तैरते शवों ने इन दावों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
वहीं गंगा में तैरते शवों को लेकर पिछले दिनों बिहार और यूपी सरकार आमने-सामने आ गई थी। बिहार सरकार का कहना था कि ये शव यूपी से बहकर आये हैं, तो वहीं यूपी सरकार ने इसकी जांच करने की बात कही थी।
फिलहाल इस मामले में अब विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी प्रदेश सरकार और केंद्र पर निशाना साधा है।
शुक्रवार को ट्वीट कर लालू यादव ने कहा कि गंगा मैया की गोद में लाशों का अंबार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है। किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा मां को बचाओ।
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राजद प्रमुख ने कहा कि इतने शव गंगा में। इतनी गरीबी है कि मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ी और कफन खरीदने के पैसे नहीं हैं। इसलिए शवों को गंगा जी में बहा दे रहे हैं या दफन कर दे रहे हैं।
लालू यादव ने कहा कि कथित नीति आयोग सरकारी संपत्ति के एवज में इस पर भी कोई निजीकरण की योजना बनाने में व्यस्त होगा।
गंगा मैया की गोद में लाशों का अम्बार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है।
किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है?
यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा माँ को बचाओ।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 14, 2021
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उधर लालू यादव के बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘WHO व ICMR मानक के अनुसार आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना जांच का गोल्ड स्टैंडर्ड है और उसे कुल जांच का 70 फीसदी होना चाहिए। लेकिन बिहार में नीतीश सरकार ठीक इसके विपरीत मात्र 25-30 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच कर रही है। इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य ये है कि पिछले माह की तुलना में 41 प्रतिशत कटौती की है जबकि पॉजिटिव रेट 20 प्रतिशत है।’