जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव की मुलाकात ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी हैं।
इन दोनों की मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि शिवपाल यादव भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इन सारे कयासों को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘फिलहाल के लिए’ खारिज किया है।
दरअसल शिवपाल यादव पिछले दिनों सपा के विधायकों की बैठक में नहीं बुलाए जाने के चलते अखिलेश यादव से नाराज हैं।
वहीं शिवपाल यादव के भाजपा में शामिल होने की खबरों पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा, ‘अभी तो हमारे यहां ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है।’
मौर्य ने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री हैं और कोई भी उनसे मुलाकात कर सकता है। फिर चाहे वे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हों… और अखिलेश यादव भी उनसे मिल चुके हैं।’
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वहीं एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यूपी चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही शिवपाल यादव अपने भतीजे के साथ गठबंधन करने वाले हैं। उन्होंने कथित तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और ‘बड़ी जंग के लिए तैयार रहने को’ कहा।
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रिपोर्ट के मुताबिक, शिवपाल यादव ने कथित तौर पर 24 मार्च को अखिलेश से मुलाकात की थी और समाजवादी पार्टी में बड़े पद की इच्छा जताई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि अखिलेश यादव ने चाचा को याद दिलाया था कि वे सहयोगी हैं, सपा के सदस्य नहीं।
दिसंबर में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि सपा और उनके चाचा की पार्टी मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लडऩे जा रही है।
सबसे खास बात है कि दोनों नेता करीब पांच साल बाद साथ आए थे। उस दौरान यादव ने सियासी खींचतान के चलते अखिलेश से राहें अलग कर ली थी। 2012-17 की अखिलेश सरकार में यादव को दूसरा सबसे ताकतवर मंत्री माना जाता था।