जुबिली न्यूज डेस्क
वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में आमतौर पर वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट लोगों को उतना आकर्षित नहीं करती जितना प्रेसिडेंशियल डिबेट करती है। लेकिन इस बार का चुनाव हर बार से काफी अलग है।
कोरोना महामारी की घुसपैठ की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पहले के सालों से काफी अलग है। इस बार वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट भी लोगों को आकर्षित कर रही है।
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अमरीका में उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कमला हैरिस और माइक पेंस के बीच साल्ट लेक सिटी में डिबेट हुई। इस डिवेट में दोनों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर एक-दूसरे पर तीखा जुबानी हमला बोला।
अमेरिका के राष्ट्रपति कोरोना से संक्रमित हैं, इसलिए 2020 के उपराष्ट्रपति की इस बहस ने काफी सुर्खियां बटोरी।
डिवेट में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार 55 साल की कमला शुरुआत से ही आक्रामक नजर आईं। उन्होंने कोरोना वायरस को संभालने को लेकर ट्रंप सरकार को घेरा और कहा कि ट्रंप प्रशासन महामारी से निपटने में विफल रहा।
डिबेट के शुरू होते ही हैरिस ने कहा, “अमेरिकी जनता इस बात की गवाह है कि अमेरिकी इतिहास में देश का कोई भी राष्ट्रपति प्रशासन इतनी बुरी तरह से कभी विफल नहीं हुआ।”
इसके जवाब में रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक पेंस ने महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया और वायरस से निपटने के लिए अमेरिकी प्रशासन की सराहना की। उन्होंने ट्रंप के उस फैसले की भी सराहना की जिसमें ट्रंप ने जनवरी के आखिर में चीन से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगाई थी।
पेंस ने कहा, “मैं अमेरिकी जनता को यह बताना चाहता हूं कि पहले ही दिन से राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जनता के स्वास्थ्य को आगे रखा है। कोरोना वायरस के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए। ट्रंप पर आरोप लगने से वे नाराज हैं।”
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जब कमला हैरिस ने संभावित वैक्सीन के बारे में सवाल किया तो पेंस ने कहा कि वे सिर्फ वैज्ञानिकों के शब्दों पर यकीन करेंगी ना कि ट्रंप के कहने पर।
हैरिस ने कहा, “अगर डॉक्टर कहते हैं कि हमें इसे लेना चाहिए तो मैं सबसे पहले कतार में खड़ी होंगी और वैक्सीन लूंगी, लेकिन अगर ट्रंप कहते हैं कि वैक्सीन लेनी चाहिए तो मैं उसे नहीं लूंगी।”
इसके जवाब ने पेंस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह हद से ज्यादा है। उन्होंने कहा, “लोगों की जिंदगी के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
डिवेट के दौरान दोनों उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के सामने शीशे लगाए गए थे। ऐसा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए किया गया था। दोनों उम्मीदवारों के बीच 12 फीट की दूरी थी।
मालूम हो कि अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण 2,10,000 लोगों की मौत हो चुकी है और अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
डिवेट में ट्रंप के कथित टैक्स चोरी का मुद्दा भी उठा। कमला हैरिस ने कहा कि वे ऐसा राष्ट्रपति चाहेंगी जो टैक्स चोरी ना करे।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने 2016 में कुल 750 डॉलर का इनकम टैक्स भरा था। राष्ट्रपति बन जाने के बाद पहले साल यानी 2017 में भी उन्होंने इतना ही टैक्स भरा था।
कमला हैरिस ने कहा, “हम टैक्स और स्वास्थ्य दोनों को लेकर पारदर्शिता रखने पर विश्वास रखते हैं। यह भी जानना जरूरी होगा कि ट्रंप के पास किसका पैसा है। जनता को पता होना चाहिए कि उनके फैसलों पर क्या प्रभाव डाल रहा है।” हालांकि पेंस ने ओबामा केयर को लेकर सवाल खड़े किए और उसे “त्रासदी” करार दिया।
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चीन के साथ चल रहे ट्रेड वॉर के मुद्दे पर भी दोनों के बीच बहस हुई। पेंस ने जो बाइडेन को चीन के चीयरलीडर के तौर पर काम करने का आरोप लगाया तो इसके जवाब में हैरिस ने कहा कि देश चीन के साथ ट्रेड वॉर हार चुका है और लोगों की नौकरियां गईं और किसान दिवालिया हो रहे हैं।
90 मिनट की इस डिबेट को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था और इसको मॉडरेट सुजैन पेज ने किया। अमेरिकी इतिहास में पहली बार कोई भारतीय मूल का व्यक्ति वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लिया। 55 साल की हैरिस के पिता जमैका के थे और मां भारतीय मूल की थी।