जुबिली न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की खूब आलोचना हो रही है। इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इतना ही नहीं इस मामले के लेकर अमेरिकी उनकी आलोचना कर रहे हैं।
वहीं तालिबान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि तालिबान चाहता है कि उसे वैध माना जाए। इस संबंध में कई वादे भी किए गए हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार ये देखेगी कि वह उन्हें लेकर कितना गंभीर है।
जब राष्ट्रपति बाइडन से ये पूछा गया कि क्या वह तालिबान पर भरोसा करते हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसी पर भरोसा नहीं करते हैं।
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इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी फ्लाइट के जरिए निकलने वाले शरणार्थियों के साथ क्या होगा।
जो बाइडन ने कहा, “मैं किसी पर भरोसा नहीं करता हूं। तालिबान को एक मौलिक निर्णय लेना है। क्या तालिबान अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट करने और उनकी भलाई के लिए प्रयास करने जा रहा है, जो कि 100 वर्षों से किसी एक समूह ने कभी नहीं किया है?”
उन्होंने कहा कि ”अगर वह ऐसा करता है तो उसे आर्थिक मदद और व्यापार से लेकर तमाम अन्य मामलों में मदद की जरूरत पड़ेगी।”
Once screened and cleared, we will welcome these Afghans to their new home in the United States with open arms. We are a nation that has been strengthened by generations of immigrants adding their unique talents to our American tapestry.
That’s who we are. pic.twitter.com/Ar9nbXU5EY
— President Biden (@POTUS) August 23, 2021
जो बाइडन ने ये सबकुछ तब कहा है जब कई देश अपने नागरिकों को अमेरिकी सुरक्षा घेरे में संचालित किए जा रहे काबुल एयरपोर्ट की मदद से अफगानिस्तान से निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
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पिछले नौ दिनों में अमेरिकी सेना ने लगभग 25000 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है। इस तरह जुलाई से अब तक कुल 30 हजार लोगों को बाहर निकाला गया है।
इस अभियान के तहत अमेरिका पहुंच रहे लोगों के भविष्य के बारे में बाइडन ने कहा है कि वे लोग जो अमेरिकी विमानों में बैठकर काबुल से बाहर जा रहे हैं।
वे पहले एक सैन्य अड्डे पर जा रहे हैं जहां उनकी स्क्रीनिंग होगी, उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी और प्रक्रिया पूरी होने के बाद अमेरिका में शिफ्ट किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को जो बाइडन ने इसे इतिहास में सबसे बड़ा और खतरनाक एयरलिफ़्ट अभियान करार दिया था।