Friday - 25 October 2024 - 5:38 PM

अपनी बीमारी के बारे में क्या लिखा था इरफान ने

न्यूज डेस्क

आखिरकार इरफान जिंदगी की जंग हार गए।

करीब दो साल से वे एक दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे थे। इसकी जानकारी इरफान ने खुद ही ट्विटर पर दी थी। उन्होंने 5 मार्च 2018 को ट्वीट करके कहा था कि वे एक खतरनाक बीमारी से पीडि़त हैं।

कुछ दिनों बाद उन्होंने एक और ट्वीट करके बताया कि उन्हें ‘न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर’ है।

इरफान ने बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी दमदार अभिनय का लोहा मनवाया था। उनके असमय जाने से सभी दुखी है। सोशल मीडिया पर बॉलीवुड से लेकर आम भारतीय इरफान का जाने का दुख व्यक्त कर रहे हैं।

2018 में जब इरफान ने अपनी बीमारी के बारे में ट्विटर पर जानकारी साझा की थी तो जैसे उनको यकीन नहीं हुआ था वैसे ही अन्य किसी को यकीन नहीं हुआ था कि ऐसी गंभीर बीमारी से वह पीड़ित हैं।

अपने ट्वीट में उन्होंने उन्होंने लिखा था, “जीवन में अनपेक्षित बदलाव आपको आगे बढ़ना सिखाते हैं। मेरे बीते कुछ दिनों का लब्बोलुआब यही है। पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हो गया है। इसे स्वीकार कर माना मुश्किल है, लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे शक्ति दी है। कुछ उम्मीद भी बंधी है। फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है, लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें।”

यह भी पढ़ें : कोरोना से निपटने में सरकार के प्रयास पर सवाल उठाना पड़ा भारी

यह भी पढ़ें : कोरोना से जंग में न्यूजीलैंड कितना सफल 

अपनी बीमारी के बारे में इरफान ने आगे लिखा था, “न्यूरो सुनकर लोगों को लगता है कि ये समस्या जरूर सिर से जुड़ी बीमारी होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप गूगल कर सकते है। जिन लोगों ने मेरे शब्दों की प्रतीक्षा की, इंतजार किया कि मैं अपनी बीमारी के बारे में कुछ कहूं, उनके लिए मैं कई और कहानियों के साथ जरूर लौटूंगा। ”

इरफान के इस ट्वीट के बाद गूगल पर इसके बारे में खूब सर्च हुआ था।

लंदन से इलाज करवाकर पिछले साल 2019 में इरफान मुंबई लौट आए थे। मुंबई में वह कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में ही ट्रीटमेंट और रुटीन चेकअप करवा रहे थे।

मंगलवार को हालत बिगडऩे के बाद इरफान खान को मुंबई में कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत अच्छी नहीं थी और वे आईसीयू में थे। बुधवार को उनका निधन हो गया।

पिछले साल मार्च में इरफान ने ट्वीट करके लोगों का धन्यवाद किया था।

यह भी पढ़ें :  जिंदगी की जंग हार गए इरफान

क्या होता है न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर

‘न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर’ एक दुर्लभ किस्म का ट्यूमर होता है, जो शरीर में कई अंगों में भी विकसित हो सकता है। हालांकि मरीजों की की संख्या बताती है कि ये ट्यूमर सबसे ज़्यादा आंतों में होता है। इसका सबसे शुरुआती असर उन ब्लड सेल्स पर होता है जो ख़ून में हार्मोन छोड़ते हैं। ये बीमारी कई बार बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ती है, लेकिन हर मामले में ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है।

इस बीमारी का लक्षण शरीर के जिस हिस्से में होता है उसी ये तय होते हैं। जैसे यदि फेफड़े में हो जाए तो लगातार मरीज को बलगम रहेगा। यदि मरीज को पेट में हो जाए तो उसे लगातार कब्ज की शिकायत रहेगी।

इस बीमारी के होने के बाद मरीज का ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल घटता-बढ़ता रहता है।

इस बीमारी के कारणों को लेकर डॉक्टर अभी तक किसी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। डॉक्टरों का मानना है कि
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर होने के कई कारण हो सकते हैं। यह आनुवांशिक रूप से भी होती है।

ऐसा माना जाता है कि जिनके परिवार में इस तरह के मामले पहले रह चुके हों, वो लोग इसके रिस्क में ज़्यादा होते हैं।

यह बीमारी जल्दी पकड़ में भी नहीं आती है। ब्लड टेस्ट, स्कैन और बायोप्सी करने के बाद ही ये बीमारी पकड़ में आती है।

यह भी पढ़ें :  प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना के इलाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा ?

 

क्या इसका इलाज है?

ट्यूमर किस स्टेज में है, वो शरीर में किस हिस्से में है और मरीज की सेहत कैसी है, इन सबके आधार पर ही ये तय होता है कि मरीज का इलाज कैसे किया जाएगा।

सर्जरी के जरिए भी ट्यूमर को निकाला जा सकता है, पर ज़्यादातर मामलों में सर्जरी का इस्तेमाल बीमारी पर काबू करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा मरीज को ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिससे कि शरीर कम मात्रा में हार्मोन छोड़े।

यह भी पढ़ें : सीरम इंस्टीट्यूट का दावा- सितंबर तक मिलने लगेगा भारत में बना टीका!

यह भी पढ़ें : किम जोंग उन के बाद उत्तर कोरिया का मुखिया कौन ?  

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com