- 17 मई को खत्म होगी तीसरे चरण की तालाबंदी
- कई राज्य तालाबंदी आगे बढ़ाने के पक्ष में
- तालाबंदी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है उद्योग जगत
न्यूज डेस्क
तीसरे चरण की तालाबंदी की मियाद 17 मई को पूरी होने वाली है। तालाबंदी आगे बढ़ेगी या खत्म होगी इस पर केंद्र सरकार जल्द फैसला लेने वाली है। इसको लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों से सुझाव भी मांगा है। कई राज्य तालाबंदी खत्म करने के पक्ष में नहीं है तो वहीं उद्योग जगत तालाबंदी को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं।
लॉकडाउन को लेकर देश के उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा कि लॉकडाउन को लंबी अवधि के लिए आगे बढ़ाना देश की इकोनॉमी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि अब लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाता है तो यह निचले तबके के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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सोमवार को महिंद्रा ने कई ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाना ‘आर्थिक हारा-किरी’ यानी इकोनॉमी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।
उद्योगपति महिंद्रा ने कहा, ‘लॉकडाउन ज्यादा लंबे समय तक बढ़ा तो आर्थिक हारा-किरी का जोखिम होगा। अर्थव्यवस्था का चलते रहना और आगे बढऩा लोगों की जीविका के लिए प्रतिरक्षा तंत्र की तरह होता है। लॉकडाउन से यह प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है और सबसे ज्यादा हमारे समाज के विपन्न तबके को नुकसान पहुंचाता है। ‘
But if the lockdown is extended for much longer, we will be risking economic hara-kiri. A functioning & growing economy is like an immune system for livelihoods. A lockdown weakens that immune system and most hurts the impoverished in our society. https://t.co/O97MNFukIv (3/5)
— anand mahindra (@anandmahindra) May 11, 2020
दरअसल हारा-किरी शब्द का मतलब आत्महत्या है। जापान में जब युद्ध में पराजित हो जाते थे तो वे बंदी बनाए जाने से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते थे। इस प्रथा को ही हारा-किरी कहते हैं।
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अपने एक अन्य ट्वीट में आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में नए मामलों की संख्या बढ़ी है। हमारी आबादी और बाकी दुनिया की तुलना में कम मामलों को देखते हुए जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, संक्रमण के नए मामलों में बढ़त अपरिहार्य है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है। भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई से लाखों मौतों को टाला है। प्रति 10 लाख भारत की मृत्यु दर फिलहाल 1.4 ही है, जबकि वैश्विक औसत 35 और अमेरिका में औसत 228 है। ‘
This doesn’t mean the lockdown hasn’t helped. India’s avoided lakhs of potential deaths in its collective fight. India’s death rate per million is currently 1.4 compared to the global average at 35 & the US at 228. We’ve also bought time to enhance medical infrastucture (2/5) pic.twitter.com/tAxyn2ahn0
— anand mahindra (@anandmahindra) May 11, 2020
देश में लॉकडाउन का तीसरा 17 मई तक लागू है। सबसे पहले लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था। इस डेढ़ माह में देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट पहुंची है। लाखों लोगों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। फैक्ट्रियां बंद होने से लाखों श्रमिक अपने गांव लौट रहे हैं। वहीं देश बड़ी-बड़ी कंपनियां कॉस्ट कटिंग कर रही है और तो और राजस्व जीरों होने की वजह से सैलरी भी काट रही हैं।
दरअसल लॉकडाउन से देश का हर तबका प्रभावित हुआ है। सबके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई हैं। इसलिए अब अर्थशास्त्री से लेकर उद्योगपति लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच सोमवार को पीएम मोदी ने देश के सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया है और इस बारे में सुझाव मांगे हैं कि कैसे और अधिक आर्थिक गतिविधियां चल सकती हैं।
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