जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी की वजह से पाकिस्तान की हालत खराब है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बदतर होती जा रही है। ऐसे हालात में इमरान सरकार चाहती है कि विदेशों में काम कर रहे पाकिस्तानियों के लिए दूतावास सक्रिय रहे।
इसी को लेकर पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब स्थित पाकिस्तानी राजदूतों को फटकार लगाते हुए भारतीय दूतावासों की तारीफ की है।
इमरान ने कहा कि हमारे दूतावास, खासकर रियाद और जेद्दा के दूतावास में ना तो आम पाकिस्तानियों की मदद की जा रही है और ना ही हमारे राजदूत निवेश को लेकर कोई कोशिश करते हैं। लेकिन भारतीय दूतावास इसे लेकर काफी सक्रिय रहते हैं और निवेश भी लाते हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाकिस्तानी राजदूतों से की गई बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा,”रियाद और जेद्दा में जो दूतावास का हाल है वो विचलित करने वाला है। सऊदी अरब के दूतावास के रवैये पर उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। जल्द ही उसके नतीजे सामने होंगे और कई सारी बातें भी सामने आएंगी।”
उन्होंने कहा कि ‘मैं ख़ुद 20 सालों तक लंदन में रहा हूँ और दूतावास-उच्चायोग में मेरा आना-जाना रहा है, लेकिन हमारा दूतावास विदेशों में रह रहे मेहनतकश मजदूर पाकिस्तानियों के प्रति बड़ा बुरा रवैया रखता है। मैंने अपने जानने वाले सऊदी के लोगों से पाकिस्तानी दूतावास को लेकर फीडबैक मांगा और जिस तरह की जानकारी मुझे मिली उससे मैं हैरान रह गया। दूतावास पाकिस्तानियों के प्रति बड़ा लापरवाह रवैया रखता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि, हमने सिटीजन पोर्टल के ओवरसीज पाकिस्तानी सेक्शन से आम लोगों की शिकायतों की एक लिस्ट निकाली। उससे भी समझ में आया कि किस तरह हमारे दूतावास का गरीबों के प्रति रवैया निराश करने वाला है। मैं लिस्ट आपसे साझा कर रहा हूं और आपको बताना है कि आगे क्या करना है क्योंकि इस तरह का औपनिवेशिक रवैया अब अख्तियार नहीं किया जा सकता।”
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उन्होंने कहा कि, ‘ दूतावास का काम विदेशों में रह रहे हमारे लोगों की मदद करना है और हमारा मुल्क जो इस समय बेहद मुश्किल आर्थिक हालात में है उसमें निवेश के लिए काम करना है। वो समय अब चला गया जब इंग्लैंड में पाकिस्तान के राजदूत अंग्रेजों से मिल कर ख़ुश हो जाया करते थे और उन्हें नहीं लगता था कि इस मुल्क को निवेश की जरूरत है। मैं ये कहना चाहूंगा कि भारत के राजदूत इस मामले में हमसे कहीं ज़्यादा सक्रिय रहते हैं, वे निवेश भी लाते हैं।”
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इमरान खान ने कहा कि, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के दूतावास से हमें सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। यहां लोगों को मुलाकात का समय देकर मिलते नहीं हैं। गरीब अपने पैसे जोड़ कर दूतावास आता है लेकिन यहां का स्टाफ उनकी सुनता नहीं है। इन दो देशों से ही सबसे ज़्यादा हमारे लोग रहते हैं।”
प्रधानमंत्री खान ने कहा कि, हम अपने लोगों को पाकिस्तान में नौकरी दे नहीं सकते, लेकिन जब वो दो पैसे कमाने बाहर जाते हैं तो उन्हें सुनना उनकी मदद करना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि हम जांच कर रहे हैं और अब इस पर निगरानी की जाएगी।