जुबिली स्पेशल डेस्क
चंडीगढ़। पंजाब के सीएम की रेस में रहे सुनील जाखड़ ने सक्रिय राजनीति से किनारा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस का हिस्सा बने रहेंगे।
जाखड़ ने कहा,कि मैं सक्रिय राजनीति से दूर हूं। यह मैं पिछले पांच दिनों से कह रहा हूं। लेकिन मैं कांग्रेस का हिस्सा बना हुआ हूं। बता दें कि जाखड़ ने दावा किया था कि बीते साल अमरिंदर सिंह के अचानक हटने के बाद पार्टी के 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे।
उनके इस बयान के बाद आप ने कांग्रेस पर निशाना साधा था और कहा था कि आप’ ने कांग्रेस पर जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया था, जबकि भाजपा ने पार्टी के ‘धर्मनिरपेक्षता’ के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जाखड़ को ‘उनके धर्म के कारण’ मुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया गया।
सुनील जाखड़ पर एक नज़र
अमरिंदर सिंह के हटने के बाद सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी। पंजाब के अनुसूचित जाति समुदाय के पहले मुख्यमंत्री बने। सुनील जाखड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे हैं।
उनके भतीजे संदीप जाखड़ 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अबोहर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं। 1954 में अबोहर के पंजकोसी गांव में जन्मे सुनील जाखड़ 2002 से 2017 के बीच अबोहर से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं।
बता दें कि पंजाब में बीते कुछ महीनों से उठापटक देखने को मिली है। बता दें कि यूपी की तरह पंजाब पर सबकी नजरे हैं,क्योंकि यहां पर भी विधान सभा चुनाव बेहद करीब है। कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी पंजाब जीतने का दावा कर रहे हैं।
हालांकि ये तो आने वाला वक्त बतायेंगे कि कांग्रेस यहां पर दोबारा सत्ता में आती है या नहीं लेकिन बीजेपी और अकाली दल ने अब कांग्रेस को रोकने का दावा कर रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कर दी है और चन्नी के चेहरे पर कांग्रेस चुनाव लड़ेंगी।