जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राम विलास पासवान के परिवार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जो उनके बंगले को खाली कराने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी।
याचिका खारिज करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा- ये आपकी पार्टी का मुख्यालय नहीं हैं। केंद्र ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का बंगला खाली कराने का फैसला किया है।
राम विलास पासवान मोदी सरकार में मंत्री थे, लेकिन 2020 में उनकी मौत हो गई थी। पासवान कई वर्षों से 12, जनपथ रोड वाले बंगले पर रहते थे।
राम बिलास पासवान की मौत के बाद उनकी लोकजनशक्ति पार्टी भी टूट गई। एक धड़े का नेतृत्व उनके बेटे चिराग पासवान कर रहे हैं, तो दूसरे धड़े का नेतृत्व उनके भाई पशुपति कुमार पारस करते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के समय चिराग पासवान एनडीए से अलग चुनाव लड़े थे। चुनाव के बाद ही उनकी पार्टी टूट गई थी।
फिलहाल चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस मोदी सरकार में मंत्री हैं। चिराग पासवान चाहते थे कि 12, जनपथ रोड वाला बंगला एक संग्रहालय में तब्दील हो जाए, लेकिन उनकी ये कोशिश कामयाब नहीं हो पाई।
पहले से ही आवंटित है आवास
ध्यान देने वाली बात है कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने पिछले साल ही चिराग पासवान को बंगला खाली करने के लिए आदेश जारी किया था। एक सांसद के तौर पर चिराग पासवान को नॉर्थ एवेन्यू में पहले से ही घर आवंटित किया हुआ है।