जुबिली न्यूज डेस्क
भारत व चीन के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। दोनों देशों के बीच तल्खी घटने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। भारत अपनी तरफ से इस तल्खी को लगातार कम करने की कोशिश कर रहा है लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
फिलहाल भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चले रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने भारत को अपने घरेलू मसलों पर ज्यादा ध्यान देने की नसीहत दी है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भले ही भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध को खत्म करने के लिए अभी तक बातचीत नहीं हुई है लेकिन भारतीय सेना भी सीमा गतिरोध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहती है।
मौजूदा गतिरोध भारत के घरेलू संसाधनों और सैन्य ऊर्जा को खर्च कर रहा है।
ये भी पढ़े: भारतीय राजनीति में इस साल बिखरेंगे पांच चुनावी रंग
ये भी पढ़े: बदायूं में हैवानियत की हदें पार, गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में डाली रॉड
कुछ जानकारों का मानना है कि भारत में सीमा के मसले को लेकर लोगों की राय की जगह अब 2021 में वैक्सीन की प्राथमिकताओं ने ले ली है।
चीनी अखबार ने लिखा है कि मोदी सरकार के लिए घरेलू मामलों पर सरकार और लोगों के बीच हो रहे विवाद को सुलझाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। इन मुद्दों में कृषि कानून और भूमि का वितरण शामिल है।
इस संदर्भ में भारत को सीमा पर तनाव बढ़ाने की बजाय अपने घरलू मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत की निरंतर मुखरता सीमा मुद्दे को हल करने के लिए अनुकूल नहीं है। ये ध्यान देने वाली बात है कि भारत की चीन नीति उलझन भरी है और अपनी ही बातों का खंडन करती है।
अपनी ताकत दिखाते हुए भारत सीमा मुद्दे को सक्रियता और शांति से हल करना चाहता है, लेकिन, भारत कूटनीतिक अवसरों पर जो कहता है वो उसके कार्यों के उलट होता है और इससे सीमा गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की प्रक्रिया बाधित होती है।
ये भी पढ़े: बंगाल में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है शिवसेना!
ये भी पढ़े: विकीलीक्स, जूलियान असांज और अमेरिका
वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के तहत, चीन और भारत के लिए अपने टकराव के शांतिपूर्ण समाधान के लिए काम करना ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
हालांकि, सीमा गतिरोध के पूरी तरह सुलझे बिना अल्पावधि में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होना मुश्किल होगा।
ये भी पढ़े: पाकिस्तान के पंजाब में लगा कौमार्य परीक्षण पर प्रतिबंध