जुबिली न्यूज डेस्क
भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी सरकार ने लगातार सवाल पूछ रहे हैं।
राहुल ने सरकार से सवाल पूछा कि किसके आदेश में जवान तनाव वाले इलाके में बिना हथियार के गए थे तो विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सैनिक सीमा पर हमेशा हथियार के साथ तैनात रहते हैं। खासकर चौकी छोड़ते वक्त। 15 जून को गलवान में भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने 1996 और 2005 के हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा कि हम लंबे समय से आमने-सामने होने पर हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
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फिलहाल इस मुद्दे को लेकर सियासी माहौल भी गर्म हैं। वहीं गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में एक एजेंसी ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजियान से इससे जुड़ा सवाल पूछा। सवाल था-भारतीय अधिकारियों का कहना है कि सेना के एक कर्नल और अन्य सैनिकों पर चीन के सैनिकों ने कील लगे लोहे की रॉड से हमला किया। इस पर आपका क्या कहना है?
इस सवाल के जवाब में प्रवक्ता चाओ ने इसके लिए भारतीय सैनिकों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा, ”इस मामले में क्या सही है और क्या गलत इसमें कोई उलझन नहीं है। जिम्मेदारी चीन की नहीं है। हमने इस पर साफ बता दिया है कि मामला कैसे शुरू हुआ। सोमवार की रात सीमा पर तैनात भारत के सुरक्षा बलों ने दोनों देशों में कमांडर स्तर पर हुई बातचीत के बाद बनी सहमति को तोड़ दिया। भारतीय सैनिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर गए और जानबूझकर चीन के सैनिकों को उकसाना शुरू कर दिया और यहां तक कि हमला बोल दिया। इसके बाद आमने-सामने झड़प हुई और इसी में हताहत हुए। चीन की मांग है कि भारत पूरे मामले की जांच करे और जो जिम्मेदार हैं उन्हें सजा दे। भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि दोबारा ऐसा नहीं हो।
लिजियान ने चीन का पक्ष रखते हुए कहा कि हमलोगों ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच हुई बातचीत की जानकारी पहले ही सार्वजनिक कर दी थी। दोनों पक्ष गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर शांतिपूर्ण समाधान पर सहमत हैं।
इस मौके पर एक एजेंसी ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा- ऐसा लग रहा है कि भारत सरहद पर सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा रहा है। जवाब में क्या चीन भी ऐसा ही करेगा? क्या चीन पूरे विवाद पर कुछ और कहेगा?
इस सवाल के जवाब में प्रवक्ता लिजियान ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर चीन के रूख के बारे में मैंने पहले ही सब कुछ बता दिया है। दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने पर काम कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और राजनयिक दोनों स्तर पर बात हो रही है। इससे ज़्यादा मैं कुछ और नहीं बता सकता।
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